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घर की दीवारों पर उगा सकेंगे सब्जियां, नहीं होगा सीलन का खतरा

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (आईसीएआर) ने ऐसी तकनीक डिजाइन की है, जिसकी मदद से घरों की दीवारों पर जैविक सब्जियां उगाई जा सकेंगी. इस तकनीक से न सिर्फ रसोई का जायका बढ़ेगा बल्कि किचन का बजट भी कम होगा.

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान
इस तकनीक से लोग घर पर सब्जियां उगा सकते हैं.

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Published : Mar 5, 2021, 10:30 AM IST

लखनऊ:हरी सब्जियों की पैदावार के लिए अब बगीचे या लॉन जाने की जरूरत नहीं होगी. न ही उन्हें खरीदने के लिए सब्जीमंडी का रुख करना होगा. सब्जियां अब घर की दीवारों और बालकनियों पर उगाई जा सकेंगी. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (आईसीएआर) ने ऐसी तकनीक डिजाइन की है, जिसकी मदद से घरों की दीवारों पर जैविक सब्जियां उगाई जा सकेंगी. इस तकनीक से न सिर्फ रसोई का जायका बढ़ेगा बल्कि किचन का बजट भी कम होगा.

इस तकनीक से लोग घर पर सब्जियां उगा सकते हैं.

यह है तकनीक

संस्थान ने सेंट्रल इंस्टिट्यूट फॉर सुब्त्रोपिकाल हॉर्टिकल्चर (सीआईएसएच) संग मिलकर मिट्टी के स्थान पर हल्का मिश्रण और विशेष तरह के कंटेनर तैयार कर दीवार पर सब्जी उगाने की तकनीक का इजाफा किया है. इस तकनीक में पीवीसी पाइप काटकर स्ट्रक्चर तैयार कर उसमें कोकोपीट, वर्मिकुलाइट और परलाइट का मिश्रण तैयार किया जाता है. यह मिश्रण हानिरहित होता है. इसका वजन भी मिट्टी से हल्का होता है, जिस कारण इसे आसानी से छत पर कहीं भी रखा जा सकता है.


घरों में ही कर सकते है सब्जियों का उत्पादन

आईसीएआर के निदेशक शैलेंद्र राजन ने बताया कि रसायनिक उत्पादों के अंधाधुंध प्रयोग और उससे सेहत पर पड़ने वाले नुकसान को देखते हुए लोग घरों में ही सब्जी उगाना पसंद करते हैं, लेकिन पर्याप्त स्थान न होने के कारण ऐसा नहीं कर पाते. मगर अब सीआईएआर द्वारा विकसित तकनीक से लोग घर पर सब्जियां उगा सकते हैं.

अपने द्वारा उगाई गई सब्जियों का स्वाद ही अलग होता है

डॉ. राजन ने बताया कि अपने घर में उगाई गई सब्जियों का आनन्द ही अलग होता है. बाजार में मिलने वाली सब्जियो में कीटनाशक का इस्तेमाल किया गया है. सब्जियों को अपने घर में उगाना फिर अपने परिवार में खिलाना इसकी अनुभूति सबसे अलग होती हैं.

सीलन का नहीं खतरा

डॉ. राजन ने बताया कि ज्यादातर लोग सजावटी पौधों का उपयोग दीवारों को सजाने के लिए करते हैं. यह पौधे कई रेडीमेड प्लास्टिक के कंटेनर के जरिए लगाए जाते हैं, जबकि सब्जियों को दीवार के सहारे उगाने के लिए संस्थान ने विशेष डिजाइन के कंटेनर तैयार किए हैं. यह दीवार के सहारे खड़े किए जा सकते हैं. इन कंटेनर को ऐसे बनाया गया है कि उनमें भरी मिट्टी या विशेष मिश्रण दीवार को टच नहीं करता, जिससे सीलन का कोई खतरा नहीं होता. इन कंटेनर का उपयोग कर बिना मिट्टी के कई तरह की सब्जियां उगाई जा सकती हैं.

बिना कीटनाशकों के उपयोग के ही उगाए सब्जियां

मिट्टी में वजन अधिक होने के कारण इन मॉडलों में पौधे उगाने के लिए हल्के वजन वाले मिश्रण का उपयोग किया जाता है. आईसीएआर और सीआईएसएच ने प्याज, पालक, मेथी, सलाद, चकुंदर और कई तरह की सब्जियों को उगाने का सफल प्रयोग संस्थान में ही किया. कई विकल्पों पर शोध भी किया गया. इस प्रकार की खेती में कीटनाशकों के प्रयोग की आवश्यकता भी नहीं पड़ती.

बारिश में भी बचाई जा सकती हैं सब्जियां

सब्जियों को उगाने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे उपयुक्त होता है, लेकिन कई फसलों को स्थान और वातावरण के अनुसार विशेष मौसम में उगाया जाता है. बारिश के दौरान सब्जियों को खुले में उगाने से उनके सड़ने का खतरा रहता है, लेकिन इस तकनीक से मूसलाधार बारिश में भी पौधों को घर की दीवारों पर उगाया जा सकता है. इस तकनीक से बारिश के दौरान उगी सब्जियां बारिश के पानी से सुरक्षित भी रहेंगी और सही मात्रा में उगेंगी भी.

कम लागत में खेती, उगा सकते हैं ये सब्जियां

लौकी, खीरे, कद्दू , बैंगन जैसी सब्जियां की छोटे स्थान पर अच्छी पैदावार की जा सकती है, लेकिन अन्य तरह की हरी सब्जियों को उगाने के लिए ज्यादा स्थान की जरूरत होती है. डॉ. राजन ने बताया कि तकनीक में इस बात का भी ध्यान रखा गया कि ज्यादा स्थान पर उगाने वाली सब्जियां उससे कम स्थान में उगाई जा सकें. इस तकनीक से पुदीना, बेसिल, धनिया, चिकोरी, पार्सले, लहसुन, प्याज, पालक जैसी कई सब्जियां उगाई जा सकती हैं.

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