लखनऊ : मौसम में बदलाव के साथ ही अब सब्जियों की आवक भी कम होने लगी है. इसके चलते अब हरी सब्जियों के दाम (prices of green vegetables) एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. शहर के थोक सब्जी मार्केट व मंडी में स्थानीय बाड़ियों के अलावा आसपास के गांवों से सब्जियों की आवक होती है तो सब्जियों के दाम कम रहते हैं. जब अवाक कम हो जाती है तो सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. ग्रामीण अंचलों से सब्जी की आवक कम होने के चलते अब सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
बाजार में अब सब्जियों के दाम (price of green vegetables in mandi) बढ़ने लगे हैं, लेकिन कुछ सब्जियों की आवक (low arrival of vegetables) से उनके दाम स्थिर बने हुए हैं. स्थानीय व बाहर से सब्जी की पर्याप्त आवक न होने के कारण सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं मटर की आवक स्थानीय स्तर से ज्यादा होने से दाम में भारी कमी आई है. सब्जी विक्रेताओं (vegetable vendors) का कहना है कि सब्जी की आवक जब तक नहीं बढ़ेगी तब तक कीमत में कमी नहीं होगी. सब्जियों के रेट बढ़ने से लोगों को जेब ढीली करनी पड़ रही है. आइए जानते हैं 4 जनवरी (बुधवार) को बाजारों में क्या रहा भाव.
स्थानीय आवक न होने से सब्जियों के दाम बढ़े, जानिए हरी मटर के दामों में आखिर क्यों आई कमी
क्षेत्रीय किसानों और स्थानीय बाड़ियों से हरी सब्जियों की आवक कम होने से थोक सब्जी मार्केट के भाव गरम हो गए हैं. कुछ दिनों की राहत के बाद थाली का स्वाद बढ़ाने वाली सब्जियां एक बार फिर बजट से बाहर होने लगी हैं. हालांकि मटर, टमाटर, लौकी, कद्दू समेत कई सब्जियों के दाम स्थिर हैं.
सब्जियों के ताजा भाव (fresh prices of vegetables) के अनुसार टमाटर 20 रुपये किलो, भिंडी 50 रुपये किलो, पालक 30 रुपये किलो, लौकी 15 रुपये किलो, नीबू 30 रुपये किलो, आलू 15 रुपये किलो, नया आलू 25 रुपये किलो, हरी मटर 20 रुपये किलो, कद्दू 15 रुपये किलो, लहसुन 40 रुपये किलो, प्याज 30 रुपये किलो, गाजर 15 रुपये किलो, फूल गोभी 10 रुपये पीस, शिमला मिर्च 15 रुपये किलो, सेम 70 रुपये किलो, हरी मिर्च 50 रुपये किलो बिक रहा है.
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