लखनऊ :प्रदेश में सब्जियों के दामाें में लगातार उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है. दामों के बढ़ने और घटने की मुख्य वजह सब्जियों की स्थानीय बड़ियों से आवक में अंतर मानी जा रही है. स्थानीय बड़ियों से आवक बढ़ती है तो दाम घट जाते हैं. जब आवक कम हो जाती है तो दाम बढ़ने लगते हैं. तोरई और भिंडी दिसम्बर माह में महंगे दामों में बिके थे. इसके बाद थोड़ी राहत मिली. अब फिर से दाम बढ़ गए हैं.
अभी पिछले हफ्ते 30 रु में तोरई और भिंडी बिक रही थी, अचानक फिर से दाम बढ़ गए हैं. दोनों सब्जियों की स्थानीय आवक कम हुई तो दाम बढ़ गए. आलू, गोभी, टमाटर, हरी मटर इन सभी के दाम कुछ दिन पहले बढ़े हुए थे, जैसे ही इनकी स्थानीय बड़ियों से आवक ज्यादा हुई काे इनके दामों में भी कमी आ गई. रविवार 26 फरवरी को सब्जियाें की कीमताें पर एक नजर...
मण्डी भाव
नया आलू-7 रुपये किलो
प्याज- 20 रुपये किलो
टमाटर- 5 रुपये किलो
आलू- 9 रुपये किलो
नींबू- 60 रुपये किलो
तोरई- 35 रुपये किलो
लहसुन- 60 रुपये किलो
करेला- 70 रुपये किलो
परवल- 90 रुपये किलो
मटर- 14 रुपये किलो
सेम- 40 रुपये किलो
शिमला मिर्च- 18 रुपये किलो
कद्दू- 22 रुपये किलो
लौकी- 20 रुपये किलो
पालक- 30 रुपये किलो
भिंडी- 60 रुपये किलो
मिर्च- 50 रुपये किलो
गोभी-8 रुपये पर पीस
गाजर- 10 रुपये किलो
बाजार भाव
नया आलू-10 रुपये किलो
प्याज- 25 रुपये किलो
टमाटर- 10 रुपये किलो
आलू- 12 रुपये किलो
नींबू- 80 रुपये किलो
तोरई- 50 रुपये किलो
लहसुन- 80 रुपये किलो
करेला- 100 रुपये किलो
परवल- 120 रुपये किलो
मटर- 20 रुपये किलो
सेम- 60 रुपये किलो
शिमला मिर्च- 18 रुपये किलो
कद्दू- 35 रुपये किलो
लौकी- 30 रुपये किलो
पालक- 30 रुपये किलो
भिंडी- 90 रुपये किलो
मिर्च- 70 रुपये किलो
गोभी- 12 रुपये पर पीस
गाजर- 15 रुपये किलो
डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ जाता है और बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. बारिश भी दामाें में उतार-चढ़ाव का बड़ा कारण है. बारिश के कारण सब्जियों को नुकसान पहुंचा था, जिसके चलते भी दामों में इजाफा हुआ है.
यह भी पढ़ें :Electricity Department UP : खंभों पर स्मार्ट मीटर लगाकर दूरसंचार कंपनियों से वसूली करेगा विभाग