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अवध महोत्सव में दिखे संस्कृति के अनेकों रंग, कलाकारों ने बांधा समां - Avadh Festival

गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में शुक्रवार को शुरू हुए 3 दिवसीय महोत्सव के पहले दिन अवध के लोकप्रिय कलाकारों ने बांधा समां. वाजिद अली शाह अवध महोत्सव में अवध की संस्कृति के खूब रंग दिखाई दिए.

अवध महोत्सव.
अवध महोत्सव.

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Published : Mar 20, 2021, 7:16 AM IST

Updated : Mar 20, 2021, 7:51 AM IST

लखनऊ:वाजिद अली शाह अवध महोत्सव में अवध की संस्कृति के खूब रंग दिखाई दिए. गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में शुक्रवार को शुरू हुए 3 दिवसीय महोत्सव के पहले दिन अवध के लोकप्रिय कलाकार थे. अवध का गीत संगीत था, अवध के व्यंजन और लोक नृत्य थे तो किसी समय अवध की सड़कों पर अपनी छटा बिखेरने वाली पुरानी कारें भी थी. प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटक विभाग ने अकादमी के सहयोग से यह तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित किया गया.

जानकारी देते राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी.

पद्मश्री अनूप जलोटा को मिला स्मृति चिन्ह
संस्कृति, पर्यटन, प्रोटोकॉल एवं धर्मार्थ कार्य विभाग राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने समारोह में प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा को स्मृति चिन्ह प्रदान किया. उन्होंने कहा कि अवध की संस्कृति को संरक्षित करने वाले ऐसे उत्सव को प्रतिवर्ष आयोजित करने का प्रयास किया जाएगा.

अनूप जलोटा ने अवध कार्यक्रम मेंबांधी समां
प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा, प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, संस्कृति निदेशालय के संयुक्त निदेशक योगेंद्र प्रताप सिंह और अकादमी के सचिव तरुण राज के दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. इस उत्सव में अनूप जलोटा ने अपने भजनों से समा बांध दिया. अपनी दमदार आवाज श्वास पर नियंत्रण की गहरी छाप छोड़ते हुए, जलोटा ने एक बार फिर साबित किया कि वर्षों से लगातार सुने जाने के बावजूद उनके भजनों का जादू कम नहीं हुआ है. उन्होंने ऐसी लागी लगन..अच्युतम् केशवम्...रंग दे चुनरिया..श्याम तेरी बंसी....जग में सुंदर है दो नाम..जैसे अपने लोकप्रिय भजनों को गाते हुए बार-बार दर्शकों को भी शामिल किया और उन्हें भी खूब गंवाया.

भजों रे मन....
प्रख्यात कथक गुरु एवं नाटक बिरजू महाराज के निर्देशन में उनके दल द्वारा प्रस्तुत कत्थक नृत्य भी अवध की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला रहा. रुबाई, सादरा, होरी जैसी अवध के संगीत की पारंपरिक रचनाओं पर नृत्य इस कार्यक्रम में प्रमुखता से शामिल है. शाश्वती सेन और महाराज के शिष्य शिष्याओं ने भक्ति रचना भजो रे मन...पर नृत्य कार्यक्रम का आरंभ किया. बाद में दल ने रुबाई और होली की प्रस्तुतियां की. बिरजू महाराज के पुत्र दीपक महाराज ने इस मौके पर एकल प्रस्तुति के अंतर्गत पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करते हुए थाट, उपज की प्रस्तुति की.

सड़कों पर विंटेज कारें
अवध महोत्सव के अंतर्गत विंटेज कार रैली का आयोजन हुआ. रैली के अंतर्गत पुराने जमाने की कारें लामार्टीनियर ब्वावेज स्कूल से चलकर विभिन्न मार्गो से होते हुए अकादमी तक आई. इन कारों को देखने के लिए जगह-जगह काफी लोग जमा हो गए थे. पुरानी कारों के साथ लोगों ने फोटो भी खिंचवाई. रैली का आयोजन ज्योति सिन्हा के संयोजन में किया गया.

अवधी लोक संगीत का प्रदर्शन
कार्यक्रम के अंतर्गत दोपहर में अवधी लोकगीत, अवधी परिधान, अवधि रंगोली, अवधि चित्रकला और अवधि व्यंजन का प्रदर्शन किया गया. संयोजिका ज्योति किरण रतन ने बताया कि काफी संख्या में युवाओं ने इस में भाग लेते हुए अवधी संस्कृति पर आधारित प्रस्तुति की.

कार्यक्रम में दिखाई दिए अवध संस्कृति के चित्र
महोत्सव के दौरान राज्य संग्रहालय द्वारा अपने संग्रह से विशिष्ट चयनित कलाकृतियों के छायाचित्र प्रदर्शित किए गए. संगीत का आनंद लेते हुए आसिफुद्दौला, अंग्रेज रेजिडेंट को दावत देते हुए गाजीउद्दौला हैदर, मोहर्रम का जुलूस, आसिफउद्दौला अमजद अली शाह, वाजिद अली शाह नवाबों के छविचित्र, विलायती बेगम, मेहंदी बेगम के चित्र प्रदर्शित किए गए. इसके माध्यम से अवैध की संस्कृति कला रहन-सहन शान शौकत की झलक मिलती है.

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Last Updated : Mar 20, 2021, 7:51 AM IST

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