लखनऊ: यूपी में डेल्टा प्लस ने दस्तक दे दी है. 2 मरीजों में 1 मरीज ने दम तोड़ दिया. ऐसे में सरकार तीसरी लहर को लेकर अलर्ट पर है. वहीं, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ. सुब्रत चंद्रा के मुताबिक डेल्टा प्लस से आमजन घबराने के बजाए सजग रहें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. उन्होंने कहा कि वैक्सीन डेल्टा प्लस वायरस के असर को भी कम करेगी. लिहाजा, वैक्सीनेशन अवश्य कराएं.
डॉ. सुब्रत चंद्रा के मुताबिक अभी तक हुए अध्ययन में डेल्टा वैरियंट (B.1.617.2) को सबसे संक्रामक वायरस बताया जा रहा था. अब डेल्टा वेरिएंट B.1.617.2 वैरिएंट का म्यूटेशन होने लगा है. इसी से डेल्टा प्लस (AY.1) बना है. इसका कारक डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव होना है. ऐसे में मरीजों की संख्या भले घट गई हो. मगर, सभी को अलर्ट रहना है. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना है. साथ ही कई अध्ययन में वैक्सीन भी असरकारी पाई गई है. वैक्सीनेटेड व्यक्ति यदि वायरस की चपेट में आ भी गया, तो स्थिति भयावह होने से बच जाएगी.
महाराष्ट्र में 47 बार बदल चुका स्वरूप
महाराष्ट्र पर किए अध्ययन में 3 महीने के दौरान वहां अलग-अलग जिलों के लोगों में नए-नए वैरिएंट की भरमार मिली है. वैज्ञानिकों को अंदेशा यह भी है कि प्लाज्मा, रेमडेसिविर और स्टेरॉयड युक्त दवाओं के जमकर हुए इस्तेमाल की वजह से म्यूटेशन को बढ़ावा मिला है. इसीलिए दूसरे राज्यों में भी सिक्वेंसिंग को बढ़ाने की जरूरत है. यह अध्ययन पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा संयुक्त तौर पर किया गया. यहां फरवरी माह से ही वायरस के एस प्रोटीन में सबसे अधिक म्यूटेशन देखने को मिले हैं. महाराष्ट्र में वैज्ञानिकों ने 47 बार वायरस के म्यूटेशन देखे.
जांच में ये वैरिएंट भी आ चुके सामने
देश के वैज्ञानिकों को 273 सैंपल में बी. 1.617, 73 में बी.1.36.29, 67 में बी.1.1.306, 31 में बी.1.1.7, 24 में बी.1.1.216, 17 में बी.1.596 और 15 सैंपल में बी.1.1 वैरिएंट मिला. इनके अलावा 17 लोगों के सैंपल में बी.1 और बी.1.36 वैरिएंट 12 लोगों के सैंपल में मिला है. इनके अलावा और भी कई म्यूटेशन जांच में मिले हैं जिन पर अध्ययन चल रहा है.