लखनऊः प्रदेश में 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का निशुल्क टीकाकरण होगा. इसके लिए 1 करोड़ डोज का प्रबंध किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
संक्रमण दर में आई कमी
उन्होंने बताया कि कोविड प्रबंधन के संबंध में मुख्यमंत्री पूरी प्रतिबद्धता के साथ टीम-11 के सदस्यों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. प्रदेश सरकार के प्रयासों से संक्रमण दर में कमी आयी है. देश के सबसे बड़े अभियान के तहत प्रदेश की 20 करोड़ की जनसंख्या तक सर्विलांस के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है. उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक है. प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लायी गई है.
39 अस्पतालों में प्लांट लगाने की मशीन आनी शुरू
सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार निजी अस्पतालों में भी कोविड इलाज की दरें निर्धारित कर दी गई हैं. किसी भी कोविड मरीज से निर्धारित दर से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा सकेगा. निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों के इलाज में रेमडेसिविर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 100 बेड से अधिक क्षमता वाले प्रत्येक अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे सभी प्लांटो में वातावरण से ऑक्सीजन बनाई जायेगी. इस प्रकार के 39 अस्पतालों में प्लांट लगाने के लिए मशीनें आनी प्रारम्भ हो गई हैं. इसके अतिरिक्त प्रदेश के 855 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 488 करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर दी गई है.
प्रदेश में 6 हजार गेहूं क्रय केंद्र स्थापित
सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए संकल्पित है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं. नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है. ऐसे किसान उत्पादक संगठनों द्वारा 150 क्रय केन्द्रों के माध्यम से गेहूं खरीद की जा रही है. यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है.