लखनऊ: पिछले एक महीने की महंगाई के बाद हरी सब्जियों से रसोई सजने लगी थी. स्थानीय बाड़ियों से थोक मंडी में भरपूर आवक होने से सब्जियों के दाम में कमी आई थी, जिससे इसका असर अब रसोई घरों में दिखने लगा था. लेकिन, स्थानीय आवक कम होने से सब्जियों के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं, जो गृहणियों के बजट पर असर डाल रहे हैं.
हालांकि आलू, टमाटर के दाम किचन के बजट के मुताबिक़ हैं. लेकिन, दोनों को छोड़कर बाकी दर्जन भर हरी सब्जियों कद्दु, पालक, गोभी, बैंगन, लौकी व अन्य के दाम भी बढ़ गए हैं. वहीं, मंडी आढ़तियों का मानना है कि आवक कम होने व सहालग के चलते सब्जियों के दामों में व्रद्धि हो रही है. आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और भी बढ़ सकते हैं. जानते हैं रविवार (22 जनवरी) को थोक मंडी और फुटकर मंडियों के दामों में कितना अंतर रहा.
सब्जियों के दाम बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पहले लोकल किसान भी अपनी सब्जियां लेकर मंडी में सीधे तौर पर विक्रय करने आ रहे थे. जोकि कम दामों पर ही अपनी सब्जी आढ़ती को देने के बजाय खुद ही उसका विक्रय कर देते थे. जल्दी जाने के मकसद से भी सब्जियों को बेहद कम दामों पर इकट्ठा ही बेच देते थे. अब उनके न आने से मंडी में आढ़ती अपने दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं. सब्जियों का रेट बढ़ने का यह भी एक कारण है.
वर्तमान में यह चल रहे मंडी के थोक भाव
मटर 30 रुपये किलो, पालक 25 रुपये किलो, तोराई 35 रुपये किलो, भिंडी 45 रुपये किलो, गाजर 15 रुपये किलो, शिमला मिर्च 30 रुपये किलो, आलू 10 रुपये किलो, गोभी 10 रुपये पर पीस, टमाटर 25 रुपये किलो, मिर्ची 40 रुपये किलो, प्याज 25 रुपये किलो, लहसुन 35 रुपये किलो, बैंगन 20 रुपये किलो, पत्तागोभी 10 रुपये किलो सेम 40 रुपये किलो, कद्दू 15 रुपये किलो, लौकी 15 रुपये किलो, परवल 30 रुपये किलो और नींबू 25 रुपये किलो थोक के भाव में बिक रहा है.