उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

विधानसभा सत्र में उठा डग्गामार वाहनों का मुद्दा, जवाब में मंत्री ने कहा-प्रदेश में नहीं है एक भी डग्गामार बस - यूपी विधानसभा का मानसून सत्र

यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को डग्गामार वाहनों का मुद्दा भी उठाया गया. इसका जवाब में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बारी से बारी दिया. जवाब में कहा गया कि प्रदेश में एक भी डग्गामार बस नहीं है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 11, 2023, 2:38 PM IST

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें और आखिरी दिन डग्गामार वाहनों का मुद्दा उठा. विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने विधानसभा में डग्गामार वाहनों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में जो अनुबंधित बसें चल रही हैं, उनके वाहन मालिकों का सीधा-सीधा ताल्लुक डग्गामार वाहन चालकों से है. इसका नुकसान परिवहन विभाग को हो रहा है. आप तरह-तरह की व्यवस्थाएं तो देते हैं, लेकिन डग्गामार चालक और डग्गामार मालिक अनुबंधित बसों के मालिकों से मिलकर लगातार डग्गामारी का काम कर रहे हैं. प्रदेश सरकार भी सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत करने की बजाय उन्हें कमजोर कर रही है. इसके जवाब में परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक भी डग्गामार बस संचालित नहीं है.

विधानसभा सत्र में उठा डग्गामार वाहनों का मुद्दा.
विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने कहा कि इसका सबसे बड़ा सुबूत उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की दुर्दशा है. यदि प्रदेश सरकार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की चिंता होती तो सरकार उसके कायाकल्प का निर्णय लेती. परिवहन निगम में अनुबंधित बसों की भागीदारी 75 प्रतिशत होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम निजी निगम में तब्दील हो जाएगा. मैं पूछना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को प्रतिवर्ष कितना घाटा अथवा कितना फायदा हो रहा है. क्या उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम में 75 प्रतिशत अनुबंधित बसें चलाने का निर्णय परिवहन निगम के लगातार घाटे में रहने की वजह से लिया गया है? एक अनुबंधित बस से परिवहन निगम को प्रतिवर्ष कितनी आय होती है? इस समय परिवहन निगम में अनुबंधित बसों की संख्या कितनी है? जवाब में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में इस समय कुल 11,118 बसें संचालित हैं, जिसमें 81070 निगम की बसें हैं और 2948 अनुबंधित हैं. छब्बीस प्रतिशत अनुबंधित बसें संचालित हैं और 74 प्रतिशत हमारे रोडवेज की बसें हैं. यदि आय की बात करें तो पहले 11 से 12 करोड़ प्रतिदिन आमदनी होती थी. आज 18 से 21 करोड़ रुपये तक आय हो रही है हमारी. लोगों को रोजगार देने के लिए हम चाहते हैं कि अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाएं. अभी प्रदेश के 88 हजार गांवों तक हमारी बसें पहुंचती हैं. केवल 12200 गांव ऐसे हैं, जहां तक अभी परिवहन निगम की बसें नहीं पहुंचती हैं. हर गांव तक बस पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है. बहुत जल्द प्रदेश का कोई गांव नहीं बचेगा, जहां परिवहन निगम की बस न चलती हो. आने वाले दिनों में इस विषय में हम आपको सूचित करेंगे.

इस पर मुख्य सचेतक और समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय ने कहा कि यदि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में नहीं है, तो अध्यक्ष जी आप एक कमेटी बना दीजिए. इसकी जांच हो जाए. हकीकत सामने आ जाएगी. जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मंत्री ने जिस उत्साह से उम्मीद बंधाई है कि सभी गांवों में बसें चलाई जाएंगी, उसमें लोगों के समझने में भ्रम है जो व्यवस्था है, निगम की बस और अनुबंधित बस के विषय में मंत्री जी का कहना था कि हो सकता है कि ऐसी बसों में कॉरपोरेशन की ओर लगाई गई कोई शर्त पूरी न होती हो, ऐसा हो सकता है. मेरा यह कहना है कि मंशा और नीयत कितनी साफ है कि सरकार हर गांव तक बस चलाना चाहती है.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव बोले, विपक्ष को एक भी सवाल का जवाब नहीं मिला, कम से कम सांड़ सफारी ही बना दें

ABOUT THE AUTHOR

...view details