लखनऊ :उत्तर प्रदेश के विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें और आखिरी दिन डग्गामार वाहनों का मुद्दा उठा. विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने विधानसभा में डग्गामार वाहनों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में जो अनुबंधित बसें चल रही हैं, उनके वाहन मालिकों का सीधा-सीधा ताल्लुक डग्गामार वाहन चालकों से है. इसका नुकसान परिवहन विभाग को हो रहा है. आप तरह-तरह की व्यवस्थाएं तो देते हैं, लेकिन डग्गामार चालक और डग्गामार मालिक अनुबंधित बसों के मालिकों से मिलकर लगातार डग्गामारी का काम कर रहे हैं. प्रदेश सरकार भी सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत करने की बजाय उन्हें कमजोर कर रही है. इसके जवाब में परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक भी डग्गामार बस संचालित नहीं है.
विधानसभा सत्र में उठा डग्गामार वाहनों का मुद्दा, जवाब में मंत्री ने कहा-प्रदेश में नहीं है एक भी डग्गामार बस - यूपी विधानसभा का मानसून सत्र
यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को डग्गामार वाहनों का मुद्दा भी उठाया गया. इसका जवाब में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बारी से बारी दिया. जवाब में कहा गया कि प्रदेश में एक भी डग्गामार बस नहीं है.
इस पर मुख्य सचेतक और समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडेय ने कहा कि यदि एक भी डग्गामार बस प्रदेश में नहीं है, तो अध्यक्ष जी आप एक कमेटी बना दीजिए. इसकी जांच हो जाए. हकीकत सामने आ जाएगी. जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मंत्री ने जिस उत्साह से उम्मीद बंधाई है कि सभी गांवों में बसें चलाई जाएंगी, उसमें लोगों के समझने में भ्रम है जो व्यवस्था है, निगम की बस और अनुबंधित बस के विषय में मंत्री जी का कहना था कि हो सकता है कि ऐसी बसों में कॉरपोरेशन की ओर लगाई गई कोई शर्त पूरी न होती हो, ऐसा हो सकता है. मेरा यह कहना है कि मंशा और नीयत कितनी साफ है कि सरकार हर गांव तक बस चलाना चाहती है.