लखनऊ: तेज गर्मी और उमस की मार झेल रहे प्रदेश वासियों के लिए राहत भरी खबर है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल की खाड़ी से चलने वाली नम हवाओं के कारण उत्तर प्रदेश में मानसून फिर से सक्रिय हुआ है. जिसके कारण पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में कहीं हल्की कहीं मध्यम व कहीं भारी बारिश होने की संभावना है.
मौसम के प्रभाव के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में गुरुवार को जमकर बारिश हुई जिसमें बलिया जिले में सबसे अधिक 112 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. मौसम विज्ञान के अनुसार आगामी 13 जुलाई तक पुरे उत्तर प्रदेश में बारिश जारी रहेगी. गुरुवार को राजधानी लखनऊ में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो कि सामान्य है. वहीं न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राजधानी लखनऊ के कुछ हिस्सों में आज शुक्रवार को गरज चमक के साथ हल्की बारिश होगी. अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. वहीं पूरे उत्तर प्रदेश के ज्यादातर नम स्थानों पर कहीं हल्की व कहीं भारी बारिश होने की संभावना है. बलिया जिले में गुरुवार को 112.4, गाजीपुर 44.6, गोरखपुर में 8.6, वाराणसी में 4, सुलतानपुर में 2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई.
WEATHER FORECAST : उत्तर प्रदेश में 1 हफ्ते तक होगी झमाझम बारिश
तेज गर्मी और उमस से परेशान उत्तर प्रदेश वासियों के लिए अब राहत की खबर है. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार यूपी में अगले एक सप्ताह तक बारिश होने की संभावना है. इस दौरान कहीं हल्की व कहीं भारी बारिश होने के आसार हैं.
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पूर्व उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई तेज बारिश के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों के तापमान में गिरावट देखने को मिली है. यह गिरावट 3 से लेकर 7 डिग्री सेंटीग्रेड तक है. तापमान में सबसे अधिक गिरावट गोरखपुर में दर्ज की गई. जहां पर अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जो कि सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस कम है. राजधानी लखनऊ में भी 4 डिग्री सेंटीग्रेड अधिकतम तापमान में कमी आई है. जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है.
इस समय धान की रोपाई का सीजन चल रहा है. धान की फसल को लगातार पानी की आवश्यकता होती है. गुरुवार को हुई जोरदार बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए किसानों ने बताया कि धान की फसल में रुक-रुक कर बारिश होने से फसल को अधिक लाभ मिलता है. वहीं मौसम वैज्ञानिक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि वायु में परिवर्तन होने के कारण मानसून को अनुकूल वातावरण नहीं मिल पा रहा था. वहीं पश्चिम बंगाल की खाड़ी से चल रही पुरवाई हवाओं ने मानसून को गति प्रदान की है. उत्तर प्रदेश में 9 जुलाई से लेकर 13 जुलाई तक पूर्वी तथा पश्चिमी दोनों इलाकों में बारिश की संभावनाएं बनी हुई है.