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खरीददारों को बिल्डरों के झांसे से बचाएंगे रेरा के ये नियम, एग्रीमेंट का फॉर्मेट वेबसाइट पर अपलोड - UP RERA chairman Rajeev Kumar

उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP Rera) ने मकान और फ्लैट खरीदने वालों के लिए कुछ जरूरी नियम बना दिए हैं. जिससे बिल्डर और बायर के बीच होने वाले विवाद समाप्त हो सकते हैं. यह नियम मकान या प्लॉट खरीदने से पहले होने वाले एग्रीमेंट पर लागू होंगे.

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Published : Dec 19, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Dec 19, 2022, 2:10 PM IST

लखनऊ :उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP Rera) ने मकान और फ्लैट खरीदने वालों के लिए कुछ जरूरी नियम बना दिए हैं. जिससे बिल्डर और बायर के बीच होने वाले विवाद समाप्त हो सकते हैं. यह नियम मकान या प्लॉट खरीदने से पहले होने वाले एग्रीमेंट पर लागू होंगे. एग्रीमेंट का एक पूरा फॉर्मेट यूपी रेरा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. इस फॉर्मेट के आधार पर अगर कोई खरीददारों बेचने वाले के साथ एग्रीमेंट करेगा तो भविष्य में उसके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी. धोखाधड़ी होने की दशा में आसानी से बिल्डर को रेरा और अदालत के दायरे में खींचा जा सकेगा. इसके साथ ही रेरा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अगर उसके बनाए नियमों का पालन खरीददारों करेंगे तो वह कभी भी धोखे का शिकार नहीं होंगे.

यूपी रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार (UP RERA chairman Rajeev Kumar) ने बताया कि उनकी ओर से बिल्डरों को लेकर सख्त नियम जारी कर दिए गए हैं. जिनके आधार पर आने वाले समय में वह खरीदारों को किसी भी तरह से मूर्ख नहीं बना सकेगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रेरा में करीब 50 हजार वाद लंबित और निस्तारित किए जा चुके हैं. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी संख्या में लोग बिल्डरों के झांसे का शिकार हुए हैं. ऐसा आगे ना हो इसको लेकर यह नियम कारगर साबित होंगे.

यूपी रेरा ने खरीददारों के लिए स्पष्ट नियम बनाया है कि वे किसी भी बिल्डर को यूनिट या मकान की कीमत का 10% से अधिक एडवांस बुकिंग के तौर पर ना दें. अगर कोई बिल्डर 10% से अधिक धनराशि एडवांस बुकिंग के तौर पर मांग रहा है तो यह विधि सम्मत नहीं होगा और इसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी, ताकि आने वाले समय में अगर किसी तरह का विवाद प्रॉपर्टी पर होता है तो खरीददारों को कम से कम नुकसान का सामना करना पड़े.


यूपी रेरा की ओर से खरीददारों को चेताया गया है कि वे केवल काॅरपेट एरिया के आधार पर ही बिल्डर से अपना एग्रीमेंट करें. सुपर एरिया का भुगतान किसी बिल्डर को ना करें. सुपर एरिया वह क्षेत्र होता है जिसमें किसी बिल्डिंग कि वह भूमि भी शामिल होती है जिसका इस्तेमाल कॉमन एरिया के तौर पर होता है. जैसे गलियारे, सीढ़ी, क्लब हाउस कम्युनिटी सेंटर और लॉन, जबकि काॅरपेट एरिया वह क्षेत्र होता है, जिसमें खरीददार रहता है.

यूपी रेरा की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उनकी वेबसाइट पर एक प्रारूप उपलब्ध है. उसी प्रारूप को आधार मानते हुए किसी बिल्डर के साथ में खरीददार को अपना एग्रीमेंट करवाना चाहिए. ऐसे एग्रीमेंट के आधार पर बिल्डर आपको भविष्य में मूर्ख नहीं बना सकेगा. आप ठगी का शिकार नहीं हो सकेंगे.

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Last Updated : Dec 19, 2022, 2:10 PM IST

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