लखनऊ: कोरोना वॉरियर्स को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है. स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही सफाई कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और प्रत्येक कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के लिए कानून बनाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 'उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश-2020' कैबिनेट से पास हो गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुलाई गई ऑनलाइन कैबिनेट मीटिंग में नए कानून को मंजूरी मिल गई है. इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों, सभी पैरामेडिकल स्टॉफ, पुलिसकर्मियों व स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर्स से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इस नए कानून के तहत 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी रखा गया है.
कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ भड़काने पर होगी 2 से 5 साल की सजा
चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर थूकने, गंदगी फेंकने और आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी. कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी इस कानून के तहत सख्त कार्रवाई करने के प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. वहीं 50 हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना भी निर्धारित किया गया है.
नए अध्यादेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव समेत सात अन्य अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए जाएंगे. दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष जिले का डीएम होगा. राज्य प्राधिकरण महामारी की रोकथाम, नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा.
क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर 1-3 साल की होगी सजा
कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और 10 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है. अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक से तीन वर्ष की सजा और 10 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है.
अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए 50 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. लॉकडाउन तोड़ने और बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है.
अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष की सजा हो सकती है. इसके लिए 50 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर कोरोना मरीज जानबूझकर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए एक वर्ष से तीन वर्ष तक की सजा और 50 हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है.