उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को राज्यपाल से मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी प्रदान कर दी है. इस सम्बंध में राजभवन से अधिसूचना जारी कर दी गई है.

etv bharat
आनंदीबेन पटेल और योगी आदित्यनाथ

By

Published : Mar 15, 2020, 8:28 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 8:41 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 को मंजूरी प्रदान कर दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में इस अध्यादेश का प्रस्ताव पास हुआ था. कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद सरकार को इसे राज्य विधान मंडल से पास कराना था, लेकिन मौजूदा समय में सत्र नहीं चलने की वजह से इस अध्यादेश को कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया. इसे राज्यपाल से मंजूरी प्रदान कर राजभवन से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.

राजभवन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि संपत्ति के संबंध में हड़ताल, बंद, दंगों तत्संबंधी लोक अशांति प्रतिवादों के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर समस्त हिंसात्मक कार्यों को रोकने और इसकी निरंतरता तथा तिव्रीकरण पर नियंत्रण रखने, लोक या निजी संपत्ति की क्षति की वसूली का उपबंध करने और हुई क्षतियों का अनुसंधान करने और तत्संबंधी प्रतिकर अधिनिर्णीत करने हेतु दावा अधिकरण का गठन करने के लिए यह अध्यादेश है. कैबिनेट में पास होने के बाद अध्यादेश राज्य विधान मंडल के दोनों सदनों में पास होना था, लेकिन वर्तमान समय में राज्य विधान मंडल सत्र नहीं चल रहा है. ऐसे में सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए इसे राज्यपाल के पास भेजा. जारी अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी विशेष परिस्थितियां विद्यमान हैं, जिनके कारण उन्हें (राज्यपाल) कार्यवाही करना आवश्यक हो गया है.

भारत का संविधान के अनुच्छेद 213 के खंड 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल अध्यादेश स्थापित करती हैं. यह अध्यादेश उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 कहा जाएगा. इसका विस्तार संपूर्ण उत्तर प्रदेश में होगा. राजभवन द्वारा जारी अधिसूचना में चार अध्याय हैं. चारों अध्याय में इस अध्यादेश के बारे में विस्तार से वर्णित किया गया है कि यह अध्यादेश किस प्रकार से प्रदेश में लागू होगा. सरकार कैसे नियम बना सकती है और किस प्रकार से सरकार इसमें नियम बना सकती है.

16 मार्च को हाईकोर्ट में देना है जवाब

योगी सरकार द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों की फोटो सहित होर्डिंग लगाकर वसूली की कार्रवाई की जा रही थी. सार्वजनिक रूप से होर्डिंग लगाए जाने के मामले का हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए थे. होर्डिंग हटाकर जिला प्रशासन को हाईकोर्ट में जवाब पेश करना था. इस पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह पूछा कि किस कानून के तहत होर्डिंग लगाई गई और वसूली की कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही जजों की बेंच को संदर्भित कर दिया था.

सरकार के पास इस तरह का कोई कानून नहीं था, इसलिए योगी सरकार ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 का प्रस्ताव कैबिनेट में लाकर पास कराया. इसके बाद इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए राजभवन भेज दिया गया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इसे कानूनी रूप से मंजूरी प्रदान कर दी है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई. आगामी दिनों में जब सत्र चलेगा तो इसे विधेयक के रूप में सदन में पेश करके कानून को पुख्ता कर दिया जाएगा. राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया है और अब सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-2022 के विधानसभा चुनाव में 351 सीटें जीतेंगे: अखिलेश यादव

Last Updated : Mar 15, 2020, 8:41 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details