लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एम. देवराज ने प्रदेश के सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को स्मार्ट मीटर से संबंधित आदेश जारी किए हैं. उन्होंने स्मार्ट मीटर में रीडिंग की गड़बड़ी की जांच के लिए उपभोक्ताओं से 175 रुपये जमा कराने का आदेश जारी किया. उन्होंने बताया कि अगर उपभोक्ता को अपने परिसर पर स्थापित मीटर की रीडिंग पर संदेह है तो वह चेक मीटर लगाने के लिए आवेदन कर सकता है. टैरिफ ऑर्डर के अनुसार स्मार्ट मीटर को चेक करने के लिए मीटर टेस्टिंग एवं चेकिंग के लिए उपभोक्ता को निर्धारित शुल्क 175 रुपये जमा करना होगा.
प्रदेश में चेक मीटर के लिए उपभोक्ता को चुकाने होंगे 175 रुपये - स्मार्ट मीटर लखनऊ
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एम. देवराज ने प्रदेश के सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को स्मार्ट मीटर से संबंधित आदेश जारी किए हैं. उन्होंने स्मार्ट मीटर में रीडिंग की गड़बड़ी की जांच के लिए उपभोक्ताओं से 175 रुपये जमा कराने का आदेश जारी किया.
किश्तों में होगी वसूली
पावर कॉर्पोरेशन के एमडी एम. देवराज का कहना है कि विद्युत प्रदाय संहिता 2005 के अनुसार आवेदन के सात दिनों के अंदर वर्तमान मीटर के साथ ही सिरीज में एक चेक मीटर लगाकर स्मार्ट मीटर का परीक्षण किया जाएगा. परिसर में चेक मीटर लगने के सात से 15 दिनों के बाद अगर मीटर तेज या धीरे चलता पाया जाता है तो कोई कार्रवाई नहीं होगी. उपभोक्ता रिपोर्ट से सहमत होगा तो पूर्व तीन महीने का बिल अंतिम परिणाम के अनुसार बिल में समायोजित किया जाएगा. अगर मीटर धीरे चलता पाया जाता है तो उपभोक्ता के अनुरोध पर इन प्रभारों की वसूली किश्तों में की जाएगी, जो तीन माह से अधिक नहीं होगी.
स्मार्ट मीटर के भी दिए निर्देश
एमडी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मीटर चेक के लिए स्मार्ट मीटर/सामान्य मीटर लगाया जा सकता है, लेकिन चेक मीटर में परीक्षण के बाद अगर मीटर बदलने की जरूरत हो तो स्मार्ट मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर ही लगाया जाए न कि साधारण मीटर.