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बिजली विभाग ने बकाया वसूली के दिए आधा दर्जन से ज्यादा विकल्प, जानिए फिर भी क्यों नहीं मिल पा रही कामयाबी?

बिजली विभाग बकाया वसूली को लेकर लगातार योजनाएं निकलता है, वहीं इसके लिए कई तरह के विकल्प भी तैयार किए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2023, 8:58 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की खास रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने उपभोक्ताओं से बकाया वसूली के लिए कई तरह के विकल्प तैयार किए, बावजूद इसके राजस्व वसूल पाने में यह सभी विकल्प बेकार साबित हो रहे हैं. विभाग ने उपभोक्ता सही समय पर अपना बिल जमा कर सकें इसके लिए उन्हें ऑनलाइन बिल जमा करने की सुविधा दी. डिजिटल पेमेंट के सभी मोड उपलब्ध कराए, बावजूद इसके नतीजा सिफर ही है. बिल वसूल पाने में बिजली विभाग को कामयाबी नहीं मिल पा रही है.

बिल वसूली के लिए विभाग की तैयारी (फाइल फोटो)

देश में जब डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं थी तब पावर कॉरपोरेशन की तरफ से बिजली का बिल वसूलने के लिए काफी ज्यादा जद्दोजहद करनी पड़ती थी, लेकिन जब डिजिटल इंडिया के तहत ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा उपभोक्ताओं को मिली तो बिल जमा करने के लिए बिलिंग सेंटर का तो रास्ता भूल गए, लेकिन तमाम उपभोक्ता बिल जमा करने से भी दूर होने लगे. बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को क्यूआर कोड की सुविधा दी, घर पर मीटर रीडिंग करने जाने वाले मीटर रीडर के पास बिल जमा करने की सुविधा प्रदान की. मोबाइल वैन पर बिल जमा करने की व्यवस्था की. उपकेंद्र के बिलिंग सेंटर पर आकर बिल जमा करने की सुविधा प्रदान की और ग्रामीण इलाकों में विद्युत सखी योजना के तहत बिल जमा करने का विकल्प दिया. इतने विकल्पों के बावजूद बकाया वसूल कर पाने में बिजली विभाग नाकाम ही साबित हो रहा है. राजस्व लक्ष्य से हर माह बिजली विभाग कोसों दूर रह जाता है. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि अब बिजली आपूर्ति के बदले बिल की वसूली के लिए सभी की जिम्मेदारी तय की गई है. मीटर रीडर से लेकर अवर अभियंता, उपखंड अधिकारी और अधिशासी अभियंता तक के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. मीटर रीडर की जिम्मेदारी होगी सभी उपभोक्ताओं को सही समय पर मीटर रीडिंग और सही बिल उपलब्ध करवाना. इसमें जरा सी कोताही करने वाले मीटर रीडर पर कड़ी कार्रवाई होगी. सभी का बकाया वसूली में इंवॉल्वमेंट किया जा रहा है, जिससे विभाग को सही समय पर बिजली का बिल प्राप्त हो सके और बकायेदारों से बकाए की वसूली की जा सके.

बिल वसूली के लिए विभाग की तैयारी (फाइल फोटो)
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (कमर्शियल) ने कहा



मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (कमर्शियल) योगेश कुमार का कहना है कि 'डिजिटल ट्रांजेक्शन के सभी मोड उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए गए हैं. अब वह अपना बिल पावर कारपोरेशन के ऐप पर डिजिटल पेमेंट के सभी माध्यम क्यूआर कोड, गूगल पे, पेटीएम या अन्य जो भी विकल्प है, सबका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा बिलिंग सेंटर पर आकर भी अपना बिल जमा कर सकते हैं. मीटर रीडर के पास भी अपने बिल का भुगतान कर सकते हैं. मोबाइल कलेक्शन वैन संचालित होती हैं, उन पर भी बिल जमा किया जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में एक से लेकर तीन गांव के लिए विद्युत सखी योजना का भी अच्छा विकल्प दिया गया है. इनके पास भी बिल जमा करने की सुविधा है. कॉमन सर्विस सेंटर पर भी बिजली का बिल जमा किया जा सकता है. ऐसे में अब उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए बिजलीघर आने की जरूरत भी नहीं है. यही सोचकर विभाग ने कई विकल्प उपलब्ध कराए हैं, हालांकि अभी काफी कम इन माध्यमों का इस्तेमाल हो रहा है, इसीलिए अब कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की जिम्मेदारी तय कर दी गई है, जो कोताही करेंगे उन पर कार्रवाई होगी.'

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