लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन व उत्पादन निगम अध्यक्ष एम. देवराज ने मंगलवार को जवाहरपुर सुपर थर्मल पाॅवर परियोजना का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माणाधीन परियोजना के स्थलीय निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 मई तक परियोजना की एक इकाई (660 मेगावाट) उत्पादन शुरू करे. इसके लिए सभी कार्य पूरे किए जाएं. विज्ञप्ति के अनुसार अध्यक्ष एम. देवराज ने अधिकारियों से कहा कि गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ेगी. अभी से प्रदेश में लगभग 23000 मेगावाट बिजली की मांग पहुंच रही है. बढ़ी हुई मांग के अनुरूप प्रदेश में विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित हो और सभी क्षेत्रों को निश्चित शेड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति हो. इसके लिए जरूरी है कि निर्धारित तिथियों पर परियोजना पूरी हो और विद्युत उत्पादन शुरू हो.
गर्मी में बिजली की मांग बढ़ी, थर्मल पाॅवर इकाइयों से उत्पादन की जुगत में जुटे अफसर
उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन और उत्पादन निगम अध्यक्ष एम. देवराज ने गर्मी में बिजली की मांग बढ़ने पर थर्मल पाॅवर इकाइयों से उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है.
बता दें, जवाहरपुर विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड जो यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है. इस परियोजना का निर्माण कर रही है. इस पर लगभग 10 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. इसकी 1320 मेगावाट (2x860) की उत्पादन क्षमता है और इकाई 23 अप्रैल तक परीक्षण के लिए सिन्कोनाइज की जाएगी. 15 मई तक उत्पादन शुरू कर देगी. 660 मेगावाट की दूसरी इकाई भी लगभग छह माह के बाद उत्पादन प्रारम्भ करेगी. पाॅवर काॅर्पोरेशन के अध्यक्ष ने परियोजना परिसर में निर्माण की जिम्मेदारी निभा रही कोरिया की कंपनी दूशान पाॅवर सिस्टम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि परियोजना के निर्माण में तेजी लाए. अगर कोई समस्या आए तो मुझे बताएं. उन्होंने उत्पादन निगम के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि प्रतिदिन मानिटरिंग करके परियोजना के कार्यों को पूरा करें.
अध्यक्ष एम. देवराज ने परियोजना की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए. कार्य में तेजी लाये जाने के लिए 70 करोड़ रुपये तत्काल रिलीज करने के निर्देश दिए. परियोजना स्थल पर कोयला आपूर्ति रेलवे के माध्यम से शुरू हो इसके लिए भी सम्बन्धित कम्पनियों के साथ समीक्षा की. उन्होंने कहा कि यह कार्य भी किया जाए जिसमें कोयला आपूर्ति कम खर्च में हो सके.
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