लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को भले ही डिमांड के अनुसार कोरोना वैक्सीन (covid-19 vaccine) आपूर्ति नहीं हो सकी है. लेकिन, अन्य राज्यों के मुकाबले यहां टीकाकरण की रफ्तार काफी तेज है और कोविड-19 वैक्सीनेशन के मामले में यूपी देश में नंबर वन बना हुआ है. प्रदेश में अब तक 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है. राजधानी लखनऊ कोविड-19 वैक्सीन के टीकाकरण (covid-19 vaccination) के मामले में टॉप पर है. लखनऊ में 18.90 लाख से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है.
देश में अब तक 44 करोड़ 56 लाख 96 हजार 580 को कोरोना की वैक्सीन लगी. इसमें 34 करोड़ 91 लाख 4 हजार 325 को पहली डोज लगी. जबकि, 9 करोड़ 65 लाख 92 हजार 255 को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है. जिसमें यूपी में सर्वाधिक 4 करोड़ 63 लाख 35 हजार 570 लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज लग चुकी है. इसमें 3 करोड़ 88 लाख 18 हजार 90 लोगों को पहली और 75 लाख 17 हजार 480 को डबल डोज लगी है. वहीं वैक्सीनेशन के मामले लखनऊ प्रदेश में टॉप पर है. लखनऊ के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एमके सिंह के मुताबिक लखनऊ राज्य के 75 जनपदों में टीकाकरण में शीर्ष पर है, राजधानी में अब तक 18 लाख 91 हजार 106 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इसके बाद टीकाकरण में गौतमबुद्धनगर दूसरे स्थान पर है जहां 15,39,452 लोगों कोरोना वैक्सीन का टीका लग चुका है. जबकि 14,10,310 लोगों के वैक्सीनेशन के साथ गाजियाबाद तीसरे नंबर पर, 12,42,952 के टीकाकरण के साथ गोरखपुर चौथे और 12,25,162 के वैक्सीनेशन के साथ मेरठ पांचवे नंबर है.
राज्य में यह रहा टीकाकरण का सफर
यूपी में 15 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया. पहले हेल्थ वर्करों के टीकाकरण का फैसला किया. इसके बाद फ्रंट लाइन वर्करों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया. तीसरे चरण में 60 वर्ष से ऊपर व 45 साल से अधिक बीमार लोगों का वैक्सीनेशन किया गया. इसके बाद चौथे चरण में 45 साल से ज्यादा सभी लोगों को वैक्सीनेशन में शामिल किया गया और फिर पांचवें चरण में 18 से ऊपर सभी के टीकाकरण की हरी झंडी दी गई. सरकार ने 31 दिसम्बर तक 18 वर्ष से अधिक सभी लोगों का टीकाकरण करने का फैसला किया है.
टीकाकरण में आई परेशानियां
1. यूपी में एक जुलाई से टीकाकरण का महाअभियान शुरू होना था. इसके लिए 10 हजार केंद्र तय किए गए थे. साथ ही क्लस्टर मॉडल में ऑन स्पॉट टीकाकरण की रणनीति बनाई गई. ऐसे में हर रोज दस लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. ऐसे में तीन माह तक हर माह तीन-तीन करोड़ टीका लगाने का दावा किया. लेकिन, वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो सकी. ऐसे जुलाई में टीकाकरण का लक्ष्य घटकर 1.5 करोड़ रह गया है.
2. शुरुआती समय में यूपी में कोविन पोर्टल में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ऐसे में सेंटरों पर ऑफ लाइन ब्यौरा दर्ज कर लाभार्थियों को टीका लगा दिया. उन्हें पहली डोज का वैक्सीनेशन कार्ड भी दे दिया गया. मगर, पोर्टल पर रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया. ऐसे में अब 84 दिन बाद दूसरी डोज लेने वाले तमाम लोगों को पहली डोज का ही मैसेज आ रहा है. ऐसे में सेंकेंड डोज का प्रमाणपत्र डाउनलोड नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से कई की विदेश यात्रा पर ब्रेक लग गया. हजारों लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं.
3. पहले सप्ताह भर की स्लॉट बुकिंग होती थी. स्लॉट बुकिंग टाइम अब दो दिन रह गया है. ऐसे में 18 वर्ष से अधिक लोगों को टीकाकरण के लिए जूझना पड़ रहा है. वहीं 45 पार के लोगों का ऑन स्पॉट पंजीकरण सभी सेंटरों पर न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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