लखनऊ :उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद (Uttar Pradesh Madrasa Education Council) की विनियमावली 2016 में बड़े संशोधन होने जा रहे हैं. इसको लेकर लखनऊ में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने की. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से ख़ास बातचीत में बताया कि उत्तर प्रदेश के मदरसों को और बेहतर बनाने के लिए और उनसे जुड़े लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मोदी और योगी सरकार की ओर से कई बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं, इसी कड़ी में अब बेहद जल्द मदरसा विनियमावली 2016 में संशोधन होना है. संशोधन होने से पहले यूपी के कई बड़े मदरसों के जिम्मेदारों संग बैठक कर सुझावों पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि संशोधन प्रस्ताव जल्द उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा और उस पर सरकार अंतिम फैसला लेगी. मंगलवार को लखनऊ में हुई बैठक में अधिकारियों और मदरसा बोर्ड के पदाधिकारियों समेत 31 लोग मौजूद रहे. इसमें अधिकतर मदरसा प्रबंधन समिति के लोग व प्रिंसिपल शामिल रहे.
रखे गए ये प्रस्ताव
- मुख्य तौर पर मदरसों की पुरानी समय सारणी को फिर से लागू करने का सुझाव दिया गया.
- मदरसों को बेहतर बनाए जाने के लिए बोर्ड स्तर और मदरसा स्तर पर जोर दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया. मदरसों के शिक्षकों को प्रति वर्ष प्रत्येक विषय के लिए प्रशिक्षण कराए जाने का प्रस्ताव रखा गया. इसी के साथ निष्ठा प्रोग्राम का लाभ मदरसों के शिक्षकों को लेने का अनुरोध किया गया.
- बोर्ड की कामिल एवं फाजिल की डिग्रियों की समकक्षता के लिए एक समकक्षता समिति बनाकर कार्रवाई किए जाने का सुझाव दिया गया.
- विनियमावली में पाठ्यक्रम एवं परीक्षाओं से संबंधित बिंदुओं का समावेश किए जाने तथा कामिल एवं फ़ाज़िल की डिग्रियों की समकक्षता के लिए मदरसा बोर्ड की डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने, फाजिल के बाद MET परीक्षा में बैठने की अनुमति, कामिले तदरीस या फ़ाज़िले तदरीस का कोर्स शुरू किए जाने का सुझाव रखा गया.