लखनऊ: केंद्र सरकार का बजट एक फरवरी को आएगा. बजट को लेकर यूपी को केंद्र से बड़ी उम्मीद है. केंद्र और राज्य दोनों सरकारें एक ही दल की होने से यह उम्मीद और भी बढ़ जाती है. दूसरी बात अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव हैं. चुनाव को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों को उम्मीद है कि इस बजट में यूपी को कुछ बड़ा मिल सकता है.
पिछली बार मिला था डिफेंस कॉरिडोर
राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय कहते हैं कि आने वाला केंद्र सरकार का बजट उम्मीदों भरा रहने वाला है. इस बजट में सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहने की उम्मीद है. इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से अन्य सेक्टर पर भी इसका सीधा असर पड़ता है. पिछले बजट में केंद्र सरकार ने डिफेंस कॉरिडोर दिया था. देश में दो डिफेंस कॉरिडोर घोषित किए गए थे. उनमें से एक तमिलनाडु में और एक उत्तर प्रदेश के लिए था.
एक फरवरी को पेश होगा आम बजट 2021. अतिरिक्त बजट का हो सकता निर्धारण
विजय उपाध्याय ने कहा कि उम्मीद है कि इस बजट में भी उत्तर प्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं आ सकती हैं. केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने की वजह से प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनाव को देखते हुए केंद्रीय बजट आने का अनुमान है. साथ ही उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है. तमाम ऐसी केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं के लिए भी सरकार अतिरिक्त बजट का निर्धारण कर सकती है. सोशल वेलफेयर और इंडस्ट्री के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को ज्यादा पैसा मिल सकता है.
किसान और रोजगार बड़ा मुद्दा
वहीं राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं. निश्चित तौर पर सरकार चुनाव को ध्यान में रखते हुए बजट लाएगी. उत्तर प्रदेश और केंद्र दोनों में भाजपा की सरकार है. ऐसे में केंद्र सरकार अपने बजट में उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए बजट का निर्धारण करेगी. साथ ही प्रदेश के विकास के लिए बजट में योजनाएं शामिल करेगी. रही बात अपेक्षाओं की तो उत्तर प्रदेश में रोजगार और किसान प्रमुख मुद्दे हैं. सरकार को चाहिए कि किसानों को लेकर कुछ अच्छा बजट लेकर आए. दूसरा बड़ा मुद्दा रोजगार है, जिसमें कौशल विकास, एमएसएमई और उत्तर प्रदेश में चल रही 'एक जनपद एक उत्पाद' योजना है. इसको लेकर अगर सरकार कोई अच्छा बजट लाती है तो यह स्वागत योग्य होगा.