लखनऊ:उत्तर प्रदेश में तीन तलाक पीड़ितों और परित्यक्त महिलाओं को योगी सरकार अब भत्ता और वक्फ संपत्ति से जोड़ने के लिए उनके बेहतर जीवन यापन की योजना बना रही है. शासन से जारी आदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अफसरों समेत अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों को जल्द ही इसकी रूप रेखा तैयार करने का आदेश दिया गया है. मुस्लिम महिलाओं ने भी सीएम योगी के फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया है, लेकिन महंगाई के इस दौर में मिलने वाली रकम को काफी कम बताया है.
तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को मिलेगा भत्ता, वक्फ सम्पत्ति से भी जोड़ने की बन रही कार्ययोजना - triple talaq victim women
उत्तर प्रदेश में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है. पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के नारे पर अमल करते हुए प्रदेश सरकार ने तीन तलाक पीड़ित महिलाओं के अलावा उन महिलाओं को, जिनको पति ने त्याग या छोड़ दिया हो, को इंसाफ मिलने तक गुजारा भत्ते देने के साथ ही वक्फ संपत्ति से जोड़ने की कार्य योजना बनाने का आदेश दिया है.
सीएम योगी ने सितंबर 2019 में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को गुजारा भत्ता देने का एलान किया था, जिसको अब अमलीजामा पहनाए जाने की कवायद तेज हो गई है. शासन की ओर से शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि जल्द कार्य योजना बनाकर तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को वक्फ संपत्तियों से जोड़ा जाए और महीने के 500 यानी साल के 6000 बतौर गुजारा भत्ता दिया जाए. सरकार के इस फैसले का मुस्लिम महिलाओं ने दिल खोलकर स्वागत किया है, लेकिन इन मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि महंगाई के इस दौर में ₹500 महीने में गुजारा करना बेहद मुश्किल है.
समाजसेवी बेगम शहनाज सिदरत का कहना है कि सरकार का यह फैसला बेहतरीन फैसला है, लेकिन एक औरत का सिर्फ ₹500 में महीने भर गुजारा कर पाना और अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त करा पाना इस महंगाई के दौर में बेहद मुश्किल है. इसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए. वहीं दूसरी मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि महंगाई के इस दौर को देखते हुए 500 रुपये से ज्यादा बढ़ाकर गुजारा भत्ता पीड़ित महिलाओं को देना चाहिए, जिससे उनका घर परिवार अच्छे से चल सके और बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें.