लखनऊ :राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संचालित इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) परियोजना के तहत यूपी पुलिस के अभियोजन यूनिट ने एफआईआर दर्ज कर न्याय की आस देखने वालों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. ई-प्रॉसिक्यूशन पोर्टल पर अब तक उत्तर प्रदेश के अभियोजकों द्वारा सबसे अधिक 60 लाख प्रवष्टियां दर्ज की गई थी, जबकि दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश द्वारा 17 लाख और तीसरे स्थान पर रहे गुजरात ने 4 लाख प्रवष्टियां दर्ज की है.
आपको बता दें कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए यह दोनों सिस्टम बेहद ही अहम होते हैं. इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के जरिए देश के पूरे 14,000 पुलिस स्टेशनों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक साथ जोड़ा गया है. इसे जो भी एफआईआर दर्ज होती है. वह देश के सभी राज्यों के पुलिस देख सकती है. इस प्रणाली के जरिए क्राइम रोकने और उसकी जांच में काफी सहायता होती है. इसी प्रणाली का उपयोग कर यूपी पुलिस नम्बर एक बनी है. गृह विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा यह प्रथम पुरस्कार अभियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के दिया गया था.