लखनऊ : उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जो पीक आवर में भी अब महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर नहीं होगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश में 10 मेगावाट क्षमता तक के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (battery energy storage system) लगाने की तैयारी पूरी हो गई है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने पूर्व में दिए गए उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. नियामक आयोग के ग्रीन सिग्नल के बाद अब पहले चरण में प्रदेश में 10 मेगावाट के पांच प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे.
बैटरी से एनर्जी स्टोर करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तर प्रदेश, नहीं खरीदनी होगी महंगी बिजली - battery energy storage system
उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जो पीक आवर में भी अब महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर नहीं होगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश में 10 मेगावाट क्षमता तक के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (battery energy storage system) लगाने की तैयारी पूरी हो गई है.
उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के अधिकारियों ने बताया कि 10 मेगावाट के इस बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से सुबह शाम चार घंटे सप्लाई की जाएगी. एक सिस्टम से किसी एक जनपद के बड़े हिस्से को बिजली आपूर्ति करने में यह सिस्टम कारगर साबित होगा. अभी तक बिजली जाने पर घरों में लोग इनवर्टर के प्रयोग से वैकल्पिक बिजली आपूर्ति व्यवस्था का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन देश का प्रमुख राज्य होने के नाते तब उत्तर प्रदेश इस तरह की महत्वपूर्ण पहल करने की तैयारी में है. यहां पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लागू होगा, जो जनता को ज्यादा बिजली उपलब्ध करा सकेगा.
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यह सिस्टम लगने से गर्मी में पीक आवर के दौरान पावर काॅरपोरेशन को बिजली कंपनियों से जो महंगी बिजली खरीदनी होती है उसे खरीदने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. बता दें कि इसी बार गर्मी में उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन को ₹12 से लेकर ₹17 प्रति यूनिट की दर से महंगी बिजली खरीदनी पड़ी थी, जबकि इस बार उपभोक्ताओं से बिजली विभाग ने बिजली की महंगी दर भी वसूल नहीं की. इस सिस्टम में बिजली स्टोर रहेगी और जरूरत पड़ने पर सप्लाई शुरू हो जाएगी.
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