लखनऊ: सरकार मणिपुर मामले को लेकर लगातार झूठ बोल रही है. खुद मणिपुर के बीजेपी विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने अपनी सरकार के खिलाफ एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि ‘मणिपुर हिंसा में राज्य सरकार शामिल है. सरकार की मिलीभगत के कारण मणिपुर में हिंसा नहीं रुक रही है. मणिपुर को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक द्वारा अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करना इस बात को साबित करता है कि कहीं न कहीं सरकार इस हिंसा के लिए दोषी है. यह बात उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Uttar Pradesh Congress Committee) के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी (Congress State President Brijlal Khabri) ने लखनऊ में सोमवार को कही.
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है. चुनाव जीतने के लिए सरकार 3 महीने तक किसी राज्य को जला सकती है? आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब संसद के बाहर को सत्ता पक्ष के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार की विफलता ही मानी जाएगी. हमेशा से विपक्ष ही सरकार की विफलताओं और जनता के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करती आ रही है. सोमवार को जो संसद में हुआ वह यह बताने के लिए काफी है कि सरकार अब देश चलाने लायक नहीं है.
खाबरी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को उनकी कुर्सी उनके कर्तव्य के बारे में तब भी नहीं बताया गया. जब महिलाओं की नग्न परेड के वीडियो दुनिया के हर संवेदनशील इंसान को शर्मसार कर रहे थे. जब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख प्रभावित होने लगी, तो इस मामले को उच्चतम न्यायालय ने खुद ही संज्ञान लिया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने पूरे मामले पर केवल 36 सेकंड ही अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मणिपुर में गृह युद्ध जैसे हालात हैं. वहां पर प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों के पास गोला बारूद कहां से आ रहा है? इसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की ओर से सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं?
80 से अधिक दिनों से मणिपुर जल रहा है. इसके बाद भी केंद्र और राज्य सरकार को क्या वहां के जमीनी हालात की कोई भी जानकारी नहीं है. मणिपुर में जो संचार करने वाली घटना सामने आई है उसकी जानकारी तो राज्य सरकार को जरूर रही होगी लेकिन इसके बाद भी 15 दिनों बाद सरकार को शिकायत मिलती है और उसके 49 दिन बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाती है. यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. मोदी सरकार के मंत्री सदन में कम समय में ही बहस कराना चाहते हैं. विपक्ष की मांग कि- लंबी बहस हो. तथ्य सामने आएं और सरकार अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही बताए, यह क्यों नहीं मानी जा रही है?
ये भी पढे़ें-बजरंगबली की आंखों से आंसू निकलने का वीडियो वायरल, तरह-तरह की हो रहीं चर्चाएं