लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्य समिति (Uttar Pradesh Congress Committee's new working committee list) के इंतजार में बैठे नेताओं और पदाधिकारी को 3 दिसंबर के बाद कभी भी उनका इंतजार समाप्त हो सकता है. पार्टी आला कमान की तरफ से पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश में पार्टी के संगठन को मजबूत करने की प्रक्रिया को अंतिम मंजूरी दे दी जाएगी. पार्टी नेताओं की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी से वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्य समिति का कार्य समिति की घोषणा कर दी जाएगी.
जिन लोगों को प्रदेश कार्यसमिति में जगह नहीं मिलेगी लोकसभा विधानसभा का प्रभारी बनाकर समायोजित किया जाएगा. हालांकि कर समिति में सदस्यों की संख्या को लेकर अभी से किस स्थान भी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने अजय राय ने कार्यसमिति में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाने का प्रस्ताव दिल्ली भेजा है. जबकि दिल्ली की तरफ से प्रदेश कार्य समिति में सदस्यों की संख्या सीमित रखने की बात कही जा रही है. ऐसे में सामंजस्य बिठाने के लिए जिन लोगों को प्रदेश कार्यसमिति में जगह नहीं मिलेगी, उनको लोकसभा विधानसभा का प्रभारी बनाकर समायोजित किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्य समिति की सूची की जा रही फाइनल करीब डेढ़ सौ के आसपास नाम हो सकते हैं कार्य समिति: कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की लिस्ट में करीब डेढ़ सौ से अधिक नाम शामिल होंगे. इसमें करीब दो दर्जन उपाध्यक्ष, 30 से 35 प्रदेश महासचिव, 76 प्रदेश सचिव को शामिल करने की तैयारी है. तो वहीं इसके अलावा हर लोकसभा सीट पर 80 प्रभारी की नियुक्ति भी की जाएगी. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सभी प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं पूर्व विधायकों व पूर्व सांसदों को प्रदेश कार्य समिति में जगह देने के साथ ही उन्हें लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी देकर पार्टी अपने संगठन को मजबूत करेगी. हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश का संगठन कम से कम ढाई सौ से अधिक लोगों का बनाया जाए. जिससे पार्टी के हर वर्ग के नेता को इसमें जगह मिल सके. बीते दिनों हुए प्रदेश इकाई की बैठक में यह मुद्दा बड़े जोर-जोर से उठाया गया था.
उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी से वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्य समिति का कार्य समिति की घोषणा होगी उत्तर प्रदेश में छोटे कार्य समिति को लेकर लगातार सवाल उठ रहा है बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अध्यक्षता में वोट पदाधिकारी के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेश प्रदेश कर समिति के में सदस्यों की संख्या कम होने को लेकर सवाल उठाए गए थे. उत्तर प्रदेश में प्रदेश कार्य समिति के अंतिम बार गठन पूर्व अध्यक्ष अजय लालू के समय में हुआ था उसे समय करीब सवा सौ लोगों को प्रदेश कर समिति में रखा गया था और वही कार्य समिति के लोग अभी भी काम कर रहे हैं. उनके बाद बृजलाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था उनके 11 महीने के कार्यकाल में भी नई प्रदेश कार्य समिति को लेकर जॉट्स ओर से चर्चाएं चलती रही पर उनका पूरा कार्यकाल बिना कार्य समिति के ही गुजर गया. करीब 3 महीने पहले केंद्रीय आला कमाने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी अपने कड़वर नेता अजय राय के हाथों में सौंप दी थी. तब से अजय राय अपनी नई कर समिति को लेकर लगातार चर्चा में बना हुआ है. वह पार्टी नेताओं व पदाधिकारी के साथ जितनी भी बैठके हुई है.
उसमें यही कहा है कि हर पूर्व नेता व कार्यकर्ता को उनके कद के अनुसार प्रदेश कार्य समिति में जगह दी जाएगी. बीते दिनों हुई बैठक में पूर्व प्रदेश पदाधिकारी ने कहा था कि हिमाचल और हरियाणा जैसे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी 100 से अधिक लोगों को कमेटी में रखती है. तो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 100 लोगों की कमेटी नहीं आनी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए. ज्ञात हो की उत्तर प्रदेश में एक समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 400 से अधिक लोगों की संख्या होती थी.
नया प्रदेश प्रभारी भी मिल सकता है: नई कार्य समिति के साथ उत्तर प्रदेश को नए प्रभारी भी मिलने की बात जोड़ों से चल रही है राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी सक्रियता को देखते हुए उसे उत्तर प्रदेश का प्रभार लिए जाने की बात कही जा रही है. उनके स्थान पर पार्टी की तरफ से यह जिम्मेदारी जाट नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सलमान खुर्शीद, राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन, नावेद अली जैसे नेताओं का नाम उत्तर प्रदेश प्रभारी के लिए चल रहा है. हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि अल्पसंख्यक या सामान्य वर्ग के किसी नेता को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने की संभावनाएं सबसे अधिक है.
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