लखनऊ:भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 'जेम पोर्टल' से शुरू की गई खरीद में उत्तर प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है. यूपी ने गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों को न सिर्फ पीछे छोड़ा है, बल्कि जेम पोर्टल के माध्यम से विभागीय खरीदारी कर इतिहास रच दिया है. प्रदेश में जेम पोर्टल पर निजी क्षेत्र के एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं. इसमें 58 हजार 725 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं. इनसे सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिले हैं.
सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद सभी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया था. साथ ही उन्होंने 'जेम पोर्टल' को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने और विभागीय खरीदारी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे. जेम पोर्टल से खरीदारी में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर है. दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे पर दिल्ली, चौथे पर मध्य प्रदेश, पांचवें पर महाराष्ट्र, छठे पर बिहार, सातवें पर छत्तीसगढ़, आठवें पर उड़ीसा, नौवें पर जम्मू एंड कश्मीर और दसवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है.
दो बार केंद्र से मिल चुका पुरस्कार
विभिन्न विभागों ने प्रदेश में 'जेम पोर्टल' से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1,674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2,401 करोड़ रुपये की खरीदारी की है. लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4,675 करोड़ की खरीदारी की गई है. इस प्रकार चार साल में विभागों ने करीब 9,442 करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी 'जेम पोर्टल' से की है. केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवॉर्ड और 2019 में सुपर बायर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया है.
भ्रष्टाचार पर लगी रोक