उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

क्या आप भी पीरियड में सेनेटरी नैपकिन के अलावा यूज करती हैं टैंपोन और मेंस्ट्रुअल कप? जरूर पढ़ें ये खबर - use tampons and menstrual cups

सैनेटरी नैपकिन के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं इस्तेमाल करती हैं टैंपोन और मेंस्ट्रुअल कप. वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट व वरिष्ठ डॉक्टर दीपा ने बताया कि मेंस्ट्रूअल कप और टैंपोन का इस्तेमाल पीरियड के दिनों में कैसे करें और क्या रखें सावधानी. टैंपोन और मेंस्ट्रुअल कप को लेकर लापरवाही करने पर हो सकती है वजाइनल कैंसर जैसी बीमारी.

पीरियड के दौरान रखें ये सावधानी
पीरियड के दौरान रखें ये सावधानी

By

Published : Dec 4, 2021, 2:43 PM IST

लखनऊ: मौजूदा समय में लाइफस्टाइल काफी बदल गई है. बदलते परिवेश के साथ तकनीक भी आ गए हैं और लोगों के पास ऑप्शन भी हर चीज के लिए एक से ज्यादा हैं. जहां पहले माहवारी के दौरान महिलाएं कपडों का इस्तेमाल करती थी. वहीं अब बदलते समय के साथ महिलाएं सैनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करने लगी हैं. सैनेटरी नैपकिन के अलावा अब टैंपोन और मेंस्ट्रुअल कप भी बाजारों में उपलब्ध हैं जिसे पीरियड्स के दौरान महिलाएं इस्तेमाल कर रही हैं.

वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट व वरिष्ठ डॉक्टर दीपा बताती हैं कि सेनेटरी नैपकिन के अलावा इन दिनों मेंस्ट्रूअल कप और टैंपोन का इस्तेमाल पीरियड के दौरान महिलाएं कर रही हैं. अगर हम नॉर्मल बात करें तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला महावारी के दौरान सेनेटरी नैपकिन है. यह एक्सटर्नल होता है, भले ही कभी-कभी ज्यादा लंबे समय तक एक ही सेनेटरी नैपकिन को लेने पर इरिटेशन व इचिंग होती है. मगर यह सभी दिक्कतें एक्सटर्नल होती है जो पीरियड के कुछ समय बाद सही हो जाता है लेकिन अगर इंटरनल प्रॉब्लम हो जाए तो यह घातक होता है.

वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर दीपा


सेनेटरी नैपकिन सबसे बेहतर
डॉक्टर दीपा बताती हैं कि आज माहवारी को लेकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के लोग जागरूक हो चुके हैं. अब किसी को पीरियड पर बात करते हुए भी झिझक नहीं होती हैं और सबसे बड़ी बात है कि इन दिनों हमारी यूपी में वजाइना इंफेक्शन के केस बहुत कम आ रहे हैं. इससे साबित होता है कि हर कोई अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद है. यूपी में सबसे पहले गांव की महिलाएं सूती कपड़े का इस्तेमाल करती थी लेकिन अब हर कोई सेनेटरी नैपकिन को जानता है. इसे किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है और इसके क्या लाभ हैं यह सभी को पता है. सभी को यह भी पता है कि हर 5 घंटे या 8 घंटे के बाद सेनेटरी नैपकिन को बदल देना चाहिए.

सस्ती दरों के मेंस्ट्रूअल कब हो सकते हैं घातक
डॉक्टर दीपा ने बताया कि इन दिनों बाजार में मेंस्ट्रूअल कप आ रहे हैं ज्यादातर इसे पढ़ी लिखी या वर्किंग वूमेन इस्तेमाल करती हैं. दरअसल एक नॉर्मल लड़की की इतनी क्षमता नहीं है कि वह हर 4 महीने पर मेंस्ट्रूअल कप लें. एक अच्छी कंपनी का मेंस्ट्रूअल कप 500 रूपये तक बाजार में उपलब्ध होता है. दरअसल जानकारी भी महिलाओं को इसके बारे में कम है. मेंस्ट्रूअल कप का इस्तेमाल पीरियड के दौरान किया जाता है. इससे वजाइना के अंदर इनसेट किया जाता है ताकि पीरियड का ब्लड इस कप में ही रहे. हर 5 घंटे पर इसे निकाल कर साफ किया जाता है. साथ ही इसमें जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है. पहली बार में महिलाएं इसे लेने में कंफर्टेबल नहीं होती हैं क्योंकि इसे वजाइना के अंदर रखा किया जाता है.

यह भी पढ़ें- ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर गाजियाबाद प्रशासन सतर्क, हिंडन एयरपोर्ट पर हो रही यात्रियों की जांच


टैम्पोन भी हो सकता है घातक
उन्होंने बताया कि महावारी के दौरान एक और विधि है जिसे कई बार महिलाएं अपनाती हैं उसका नाम है टैंपोन. पीरियड के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला टैंपोन सुरक्षा प्रदान करने का तरीका है. कपास या रेयान से निर्मित टैंपोन को पीरियड के समय रक्त बहाव को सूखने के लिए वजाइना के अंदर रखा जाता है. गर्भाशय ग्रीवा का मुंह इतना छोटा होता है कि टैंपोन इसके अंदर प्रवेश नहीं कर सकता हैं. टैंपोन वजाइना के अंदर जाकर, जहां बहुत कम संवेदी तंत्रिका में होती हैं. वहां सुरक्षित तरीके से फिट हो जाता है. टैंपोन वजाइना की दीवारों में ब्लीडिंग को सोखते हुए फूल जाता है. इसके एक सिरे पर एक छोटा धागा लगा होता है ताकि उसे खींचकर आसानी से बाहर निकाला जा सके हालांकि ज्यादातर लड़कियों को पहले यह डर रहता है कि टैंपोन शरीर के अंदर कहीं खो ना जाए मगर ऐसा होता नहीं है.

डॉक्टर दीपा ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं टैम्पोन वजाइना में सेट करके भूल जाती हैं कि उसे बाहर भी निकालना है, यह काफी खतरनाक साबित होता है. महिलाओं के शरीर का सबसे सेंसेटिव पार्ट वजाइना होता है, जहां पर अगर इंफेक्शन हो जाए तो फिर वजाइनल कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details