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Rapid Rail : रैपिड रेल डिपो की सुरक्षा करेगी UPSSF, गृह विभाग ने जारी किया आदेश

गृह विभाग ने दिल्ली से मेरठ के बीच बनने वाली रैपिड रेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) को दी है.

Rapid Rail between Delhi and Meerut
Rapid Rail between Delhi and Meerut

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Published : Mar 1, 2023, 11:01 PM IST

लखनऊ:दिल्ली से मेरठ के बीच 2025 में रैपिड रेल की शुरुवात होनी है. यही नहीं अगले तीन हफ्तों में हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली देश की पहली रैपिड रेल गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक दौड़ने भी लगेगी. ऐसे में इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) को दी है. गृह विभाग ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम व रैपिड रेल डिपो की सुरक्षा यूपीएसएसफ से करवाने को लेकर आदेश जारी कर दिया है.

प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ द्वारा दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम व रैपिड रेल डिपो की सुरक्षा यूपीएसएसफ से करवाने को लेकर अनुरोध किया था, जिस पर सहमति दी जा रही है. अब मेट्रो की तर्ज पर दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम व रैपिड रेल डिपो की सुरक्षा यूपीएसएसफ की सुरक्षा भी यूपीएसएसफी ही करेगा.

दरअसल, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना का प्रयोजन दिल्ली की भीड़भाड़ को कम करना, वाहनों के यातायात और वायु प्रदूषण पर लगाम कसना और संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करना है. दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस), केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार का 30,274 करोड़ रुपये का एक संयुक्त परियोजना है. आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे. विभाग का दावा है कि साल 2025 में दिल्ली के यात्री रैपिड रेल से एक घंटे में मेरठ पहुंच सकेंगे. जिसमें रोजाना 8 लाख यात्री सफर करेंगे.

रेल विभाग के अनुसार, इस परियोजना के तहत मार्च 2024 तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि अब इसे 2025 तक कर दिया गया है. अगले तीन हफ्ते में गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर रूट पर रैपिड ट्रेन शुरू हो जाएगी. वहीं, रैपिड रेल का संचालन शुरू होने पर दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 1 घंटे से भी कम रह जाएगी. इसके संचालन से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मोदीनगर और मुरादनगर के लोगों को सीधे फायदा मिलेगा. इसके संचालन से जहां सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा, वहीं वायु प्रदूषण को भी काबू करने में मदद मिलेगी.

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