लखनऊ: बरसात के मौसम में परिवहन निगम की बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम हो जाती है. राजस्व के लिहाज से यह सीजन परिवहन निगम के लिए दिक्कतों भरा कहा जाता है. इसकी समझ परिवहन निगम के अधिकारियों को भी है. इसके बावजूद ड्राइवर, कंडक्टरों पर दबाव बनाया जा रहा है कि लोड फैक्टर लाएं, नहीं तो नौकरी से हाथ धोकर घर जाएं. लखनऊ रीजन के रीजनल मैनेजर मनोज पुंडीर की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है जो ड्राइवर कंडक्टरॉ के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. 70 फीसदी से कम लोड फैक्टर लाने वाले चालक परिचालक की संविदा समाप्त करने के साथ ही नियमित चालक परिचालक को निलंबित करने का यह तुगलकी फरमान आरएम की तरफ से जारी किया गया है.
लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर की तरफ से आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक यह सुनिश्चित करें कि किसी भी बस सेवा का लोड फैक्टर 70 फीसदी से कम न हो. सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ऐसे प्रकरण में लोड फैक्टर में कमी आने की परिस्थितियों का सूक्ष्म विश्लेषण करें. अगर यह सामने आता है कि चालक परिचालक ने यात्री उठाने में रुचि नहीं ली तो पहली बार के प्रकरण में प्रविष्टि अपनी पंजिका में दर्ज करेंगे और चालक परिचालक का मार्गदर्शन करेंगे, उन्हें प्रेरित करेंगे. दोबारा गलती करने पर संबंधित चालक परिचालक को चेतावनी पंजिका में नोट कराएंगे. तीसरी बार गलती करने पर 70 फीसदी लोड फैक्टर के सापेक्ष अर्जित लोड फैक्टर के अंतर की राशि की रिकवरी चालक परिचालक से कराएंगे.
चौथी बार लोड फैक्टर न ला पाने पर संविदा कर्मचारी की संविदा खत्म कर दी जाए और नियमित चालक परिचालक के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाए. पांचवी बार कठोर कार्रवाई करते हुए जिनमें संविदा समाप्त करने और नियमित कर्मचारी की सेवा भी समाप्त करना शामिल होगा. इसके अलावा यह भी आदेश दिया गया है कि परिचालक का लोड फैक्टर 54 से 65 फीसदी के बीच होने की स्थिति में समीक्षा कार्रवाई केंद्र प्रभारी/वरिष्ठ केंद्र प्रभारी/अधीक्षक और केंद्र प्रभारी का कार्य करने वाले अन्य कर्मचारी करेंगे. तीसरी गलती पर संबंधित पर्यवेक्षक सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को लिखित रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे. एआरएम की तरफ से दंड दिया जाएगा.
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