लखनऊः परिवहन निगम ने बस खरीदने के लिए शासन से अपने ही 539 करोड़ रुपये बकाये के भुगतान की गुजारिश की है. पंचायत चुनाव और यूपी विधानसभा चुनाव में परिवहन निगम ने बसें उपलब्ध करायी थीं और इसके एवज में सरकार पर 539 करोड़ रुपये बकाया है. परिवहन निगम को जब ये पैसा मिले तो बसों की नई फ्लीट रोडवेज बस बेडे से जुड़ सकें और यात्रियों को आरामदायक यातायात साधन के रूप में नई बसें उपलब्ध हो सकें. फिलहाल सरकार के अबतक परिवहन निगम को भुगतान न करने से बसों की खरीद नहीं हो पा रही है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन की ओर से कई बार उत्तर प्रदेश सरकार को बकाया भुगतान के लिए पत्र भेजा गया. गुजारिश की गई कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान परिवहन निगम को काफी घाटा हुआ है. इसके साथ ही डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते बसों का संचालन भी मुश्किल से हो रहा है. ऐसे में परिवहन निगम को पैसे की दरकार है. लेकिन सरकार पर 539 करोड़ का जो बकाया है वो मिल ही नहीं रहा है. इसके लिए कई बार पत्राचार भी किया गया है. लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है.
नई बसों की खरीद में फंसा पैसे का पेंच परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक जब सरकार बकाये का भुगतान करेगी तो नई बसों की खरीद हो सकेगी. पिछली बार जब 477 करोड़ का भुगतान हुआ था उससे 1000 बसें खरीदी जा रही हैं. लेकिन 539 करोड रुपये अगर मिल जाएं तो इससे काफी संख्या में वातानुकूलित और साधारण बसें खरीदी जा सकेंगी.
वर्तमान में परिवहन निगम के बस बेड़े में जो बसें शामिल हैं उनमें से तकरीबन 30 से 40 फीसदी बसें ऐसी हैं जो चलने लायक नहीं रह गई हैं, लेकिन पैसे के अभाव में परिवहन निगम इन्हीं बसों का संचालन कर किसी तरह यात्रियों को सुविधा दे रहा है. हाल ही में कई डिपो की सैकड़ों बसें परिवहन निगम बस बेड़े से बाहर भी की गई हैं. 206 बसों की नीलामी हो चुकी हैं और तमाम बसें नीलामी के लिए तैयार हैं. ऐसे में जब यह बसें परिवहन निगम अपने बस बेड़े से हटा देगा तो यात्रियों को समय पर बस उपलब्ध कराने में भी बड़ी कठिनाई आएगी.
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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव का 539 करोड़ रुपये बकाया है. इसके लिए सरकार से अनुरोध किया गया है. उम्मीद है कि बहुत जल्द सरकार परिवहन निगम को ये भुगतान कर देगी. जिसके बाद बसों की नई फ्लीट बस बेड़े में जोड़ी जाएगी. पहले जब सरकार ने भुगतान किया था, तो उससे कुछ नई बसें खरीदने की तैयारी हो गई है. जल्द ही 150 बसें आ जाएंगी. लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए ज्यादा बसें खरीदी जा सकें. इसलिए 539 करोड़ रुपये मिल जाएं तो और भी बेहतर होगा.