लखनऊ : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में राजधानी के अनुभव सिंह की 34 रैंक, मनन अग्रवाल की 46 रैंक, गौरी प्रभात की 47 रैंक, रजत सिंह की 379 रैंक और रोहित कर्दम की 517 रैंक समेत कई मेधावियों ने सफलता हासिल की है. यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले मेधावियों का कहना है कि सिविल सर्विसेस एक मल्टी डाईवर्सिटी वाली नौकरी है. इसमें आप अपनी क्षमताओं का पूरा योगदान दे सकते हैं. इसमें आने वाली कठिनाइयां भी बहुत ही डाईवर्सिफाई होती हैं. इनसे निपटना भी उसी प्रकार से होता है. इसमें टेक्नोलॉजी, प्रशासन और नियंत्रण तीनों की जरूरत पड़ती है. सफलता के लिए मेधावियों ने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा जोर देने की बात कही. सभी का कहना था कि पीछे सालों के ईयर प्रश्न पत्र से अपने सिलेबस को छोटा कर सकते हैं. मेहनत से पढ़ाई कर किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है.
सतत प्रयास से मिली सफलता : अनुभव सिंह
यूपीएसी में ऑल इंडिया रैंक 34 हासिल करने वाले अनुभव सिंह ने बताया कि उन्होंने यह सफलता पांचवे प्रयास में हासिल की है. उन्होंने बताया कि यूपीएससी में यदि सफल होना चाहते है तो आपके चारों तरफ जो हो रहा उसके प्रति सजग रहने की जरूरत है. देश में जो भी नीति बनती है उसका हर चीज पर असर पड़ता है. मल्टीडेमिनिश्यल होकर पढ़ाई करने से सफलता मिलती है. अनुभव ने लखनऊ के सेठ एमआर जयपुरिया से 2010 में हाईस्कूल 89.6 प्रतिशत और 2012 में इंटर करीब 85 प्रतिशत अंकों के साथ पास किया था. इसके बाद 2015 में शहीद भगत सिंह कालेज दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए आनर्स पॉलिटिकल साइंस से किया और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से 2017 में एमए पॉलिटिकल साइंस से किया. उसी के साथ जेआरएफ की भी परीक्षा पास कर ली, लेकिन पहले से ही सिविल सर्विसेज में जाने की सोची थी. इसलिए जेआरएफ न करके सीधे यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. इनके पिता रामदेव सिंह इंदौर की प्राइवेट कम्पनी में रीजिनल सेल्स मैनेजर और अनीता सिंह गृहिणी हैं.
समाज सेवा के लिए बने आईएएस : मनन अग्रवाल
यूपीएसी में ऑल इंडिया रैंक 46 हासिल करने वाले मनन अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने यह सफलता तीसरे प्रयास में हासिल की है. उन्होंने बताया कि सिविल सर्विसेज करने का मुख्य कारण समाज की सेवा करना है. उन्होंने बताया कि 2014 में हाईस्कूल 97.6 प्रतिशत और इंटर 2016 में 99 प्रतिशत से सीएमएस से पढ़ाई की. इसके बाद 2020 आईआईटी बाम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है, लेकिन उन्होंने कैंपस प्लेसमेंट में भाग नहीं लिया और यूपीएससी की तैयारी में लग गए. उन्होंने बताया कि उनका शुरू से ही साइंस और मैथ में रूचि थी. इस कारण देश के अच्छे शैक्षिक संस्थान से आईआईटी करने की सोची थी. तैयारी के लिए सेलेब्स तैयार किया और करीब आठ घंटे का टाइम टेबल तय करके पढ़ाई की. इस परीक्षा को पास करने के लिए नियमित रूप से पढ़ाई करना बहुत जरूरी है. इनके पिता मनमोहन अग्रवाल बिजनेस मैन है और माता सीमा अग्रवाल गृहिणी हैं.