लखनऊ : राजधानी के मोहनलालगंज में डाॅक्टरों पर गंभीर आरोप लगे हैं. मोहनलालगंज के मऊ निवासी गांव निवासी अवनीन्द्र यादव ने बताया कि पत्नी सोनी यादव (23वर्ष) गर्भवती थी. बुधवार को पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर मोहनलालगंज ब्लाक के पास स्थित पौरूष अस्पताल लेकर गया. जहां मौजूद संचालिका से नार्मल प्रसव कराने की बात कही.
Health Department : चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप, प्रसूता की थमी सांसें, परिजनों का हंगामा
प्रदेश सरकार चिकित्सा व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर है. स्वास्थ्य मंत्री व्यवस्थाओं को लेकर कई बार (Health Department) छापेमारी भी कर चुके हैं. बावजूद इसके लगातार चिकित्सकों की लापरवाही सामने आ रही है.
अवनीन्द्र का आरोप है कि संचालिका ने बच्चे की जान को खतरा बताकर आपरेशन करने का दबाब बनाया ओर पैसे जमा कराने के बाद आपरेशन किया, जिसके कुछ देर बाद तक जच्चा व बच्चा दोनों ठीक थे, लेकिन उसके बाद पत्नी की हालत बिगड़ने लगी. मौके पर मौजूद डाॅक्टर ने पत्नी का आक्सीजन लेवल लो होने की बात कहकर आनन-फानन केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल रेफर कर दिया. इस दौरान डाॅक्टर ने बिना आक्सीजन लगाये पत्नी को मरणासन्न हालत में एम्बुलेंस में लिटाकर भेज दिया. जिसके बाद पत्नी की मौत हो गई. जिसके बाद आक्रोशित परिजन पौरूष अस्पताल के बाहर हगांमा करने लगे. परिजनों ने डाॅक्टर पर लापरवाही से मौत का आरोप लगाया. सूचना के बाद मौके पर पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे एसएसआई बेचू सिंह यादव ने आक्रोशित परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराने के साथ मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतका के पति ने सहायक पुलिस आयुक्त राज कुमार सिंह से लिखित शिकायत की है, वहीं परिजन कार्यवाही ना होने पर सीएम व उपमुख्यमंत्री से शिकायत कर डाॅक्टर पर कार्यवाही की मांग करेंगे.
पीड़ित अवनीन्द्र ने आरोप लगाते हुए बताया कि 'पौरुष अस्पताल की संचालिका डा. सुधा सिंह की इलाज में लापरवाही जगजाहिर है, इससे पहले भी इस अस्पताल में कई प्रसूताओं व बच्चों की जान जा चुकी है. इसके बाद भी इलाज में लापरवाही बरतने वाले इस अस्पताल पर कार्यवाही की बजाय स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार अफसर बचाव में जुट जाते हैं और कार्यवाही नहीं होती है, जिसको लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है.'
इंस्पेक्टर कुलदीप दूबे ने बताया कि 'मृतका की पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट होने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी. इलाज से सम्बंधित सभी दस्तावेज कब्जे में लेकर सीएमओ को रिपोर्ट भेजी गई है.
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