लखनऊ:उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) से जुड़े हजारों करोड़ के भविष्य निधि (EPF) घोटाले की जांच अब तेज हो गई है. यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले के आरोपी कपिल वधावन और धीरज वधावन 7 दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी रिमांड पर रहेंगे. इन दोनों को सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने 7 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया है. सीबीआई ने 15 दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी.
यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले में वधावन बंधुओं को सीबीआई ने आरोपी बनाया है. गाजियाबाद, नई दिल्ली, हरियाणा में कई ब्रोकर फर्म बनाकर करोड़ों का घोटाला किया गया था. यूपीपीसीएल कर्मचारियों की भविष्य निधि के 2631.21 करोड़ रुपये के निवेश में घोटाले का मामला है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस रिमांड की अवधि 26 मई की शाम साढ़े 3 बजे से 2 जून की शाम साढ़े 3 बजे तक प्रभावी होगी. इस दौरान सीबीआई आरोपियों से पूछताछ कर सकेगी. सीबीआई ने रिमांड अर्जी में कहा है कि आरोपियो को रिमांड पर लेकर इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के अलावा उन माध्यम की जानकारी करनी है. जिसके जरिये पैसा निवेश किया गया और कहा गया कि दोनों आरोपियों से यह भी जानकारी की जानी है कि 4122.7 करोड़ रुपये के निवेश से किसे लाभ हुआ और इस साजिश में कौन लोग शामिल हैं और शामिल लोगों का अभियुक्तों से आमना-सामना भी कराना है.
वहीं बचाव पक्ष की ओर से सीबीआई की अर्जी का विरोध करते हुए अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने कहा कि डीएचएफएल में जो धनराशि निवेश की गई है उसकी आधी धनराशि की अदायगी की जा चुकी है और आरोपी शेष धनराशि की अदायगी करने को तैयार है. वहीं दूसरी ओर सीबीआई की ओर से कहा गया कि इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला था कि कर्मचारियों के भविष्य निधि का कुल 2631.20 करोड़ रुपये की राशि का दुरुपयोग किया गया है. कहा गया कि वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के बावजूद आरोपियों ने भविष्य निधि के धन को डीएचएफएल में निवेश करके करोड़ो की कमीशन खोरी की है.
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