Uttar Pradesh Weather: जानिए अपने जिले में मौसम का मिजाज - uttar pradesh weather news
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Weather) के कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात बेहद खराब हैं. 9 सितम्बर से 11 सितंबर तक यूपी के कई जिलों में मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवाएं और आकाशीय बिजली भी गिर सकती है. जानिए आज गुरुवार को आपके जिले में मौसम का मिजाज कैसा रहेगा...
लखनऊ:मौसम विज्ञान विभाग द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Weather) के कुछ जिलों में गुरुवार को बारिश के साथ तेज हवा चलने की चेतावनी जारी की है. उत्तर प्रदेश में मानसूनी हवाएं सक्रिय होने के कारण सितंबर माह में भी कुछ स्थानों पर बारिश जारी है. मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के हिसाब से इस वर्ष उत्तर प्रदेश में अनुमान बारिश के सापेक्ष कम बारिश हुई है. मानसूनी बारिश सितंबर माह के अंत तक होने की संभावना है.
राजधानी लखनऊ में बुधवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य है. वहीं न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है. गुरुवार को राजधानी लखनऊ में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे. कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश भी हो सकती है. अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
राजधानी लखनऊ में गुरुवार को 7.5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पूर्वी दक्षिणी हवाएं चल रही हैं. वहीं बारिश की 90% संभावना है. बादलों की आवाजाही के कारण मौसम शुष्क बना हुआ है. बुधवार को भी अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई थी, जिससे राजधानी वासियों को गर्मी से राहत मिली.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 1 से 8 सितंबर तक उत्तर प्रदेश में 27.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जो कि अनुमान बारिश 58.9 के सापेक्ष 53% कम है. कुछ जगहों पर हुई अधिक व कुछ जगहों पर कम बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. अधिक बारिश व कई इलाकों में कम बारिश के कारण भी फसलें नष्ट हुई हैं.
मौसम विज्ञान विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, अमरोहा, बिजनौर व उसके आसपास के इलाकों में बारिश के साथ 60 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा प्रयागराज, बहराइच, बरेली, रायबरेली, गोरखपुर, लखनऊ जिलों में भी बारिश होने की संभावना है. मौसम वैज्ञानिक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि मौसम में परिवर्तन का दौर शुरू हो चुका है. आने वाले समय में बारिश में धीरे-धीरे कमी आने के साथ ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी कमी दर्ज की जाएगी.