लखनऊ: प्रदेश में पिछले दो महीनों से तोरई और भिंडी के दाम बढ़े हुए चल रहे थे, जो अब थम गए हैं. लोकल मंडियों में स्थानीय लहसुन व नींबू की आवक कम हो जाने की वजह से इसके दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई. 40 से 50 रुपये में बिकने वाला लहसुन और नींबू के दाम 90 से 100 रुपये तक पहुंच गए हैं. साथ ही बात करें हरी साब्जियों की तो लौकी, कद्दू, शिमला मिर्च, सेम 20 से 25 रुपये मंडी में थोक भाव में बिक रही है. बाकी दर्जन भर सब्जियां 10 से 15 रुपये किलो बिक रही हैं. कुल मिलाकर हरी साब्जियों के दाम से किसान खुश नहीं हैं.
मौजूदा समय में बाहर की मंडियों से लहसुन और नींबू की आवक कम होने से दामों में बढ़ोत्तरी हुई है. लहसुन विक्रेता मो. रजी ने बताया कि मंडी में थोक में लहसुन 90 से 100 रुपये और फुटकर में 130 से 140 रुपये किलो बिक रहा है. हालांकि, लहसुन के दामों में इजाफा हुआ है. लहसुन की कई किस्में उपलब्ध हैं. आने वाले दिनों में लहसुन के दामों में तेजी के आसार देखने को मिल सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर नींबू के दाम बढ़ने को लेकर आढ़ती राकेश गौतम ने बताया कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी नींबू की मांग उसी तरह बढ़ती जाएगी. लेकिन, स्थानीय बाड़ियों में नींबू मंडियों तक नहीं पहुंचा तो इस बार फिर नींबू के दाम आसमान तक पहुंच जाएंगे.
मनमाफिक दरों पर भी हो रही बिक्री
मंडी में फुटकर में बिकने वाली सब्जियों और ठेले पर फुटकर में बिकने वाली सब्जियों के दामों में भी काफी अंतर है. स्थिति ये है कि मंडी में 12 रुपये किलो बिकने वाला प्याज ठेले पर 20 रुपये किलो में बिक रहा है. इसके अलावा मंडी में 6 रुपये नया और 7 रुपये पुराना प्रति किलो बिकने वाला आलू ठेले पर 10 रुपये में नया और 12 रुपये में पुराना बेचा जा रहा है. मंडी में 50 से 60 रुपये किलो बिकने वाली भिंडी ठेले पर 90 से 100 रुपये किलो तक बेची जा रही है.