लखनऊः लखनऊ की मंडियो में आवक बढ़ने से भले ही सब्जियों के थोक दाम कम हो गए हैं लेकिन इसका फायदा राजधानी के आम नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसा इसलिए है कि थोक में कीमत घटी लेकिन फुटकर में मनमाने मुनाफे ने इनकी कीमतें कम होने ही नहीं दी. इससे ग्राहकों को सस्ती सब्जी का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
प्रदेश में हरी साब्जियो के दाम इन दिनों आम आदमी को बड़ी राहत दे रहे हैं. वहीं, फुटकर कारोबारियों पर किसी भी तरह का नियंत्रण न होने से इन दिनों तमाम सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. थोक मंडी से सब्जियों के मूल्य की तुलना की जाए तो फुटकर में सब्जियों के दाम काफी बढ़े हुए हैं. महंगी सब्जियों ने किचन का बजट बिगड़ रहा है.
पिछले एक हफ्ते से टमाटर सस्ता बिक रहा है, थोक मंडी में इसके दाम जहां 20 रुपये हैं, तो फुटकर विक्रेता 40 रुपए किलो बेच रहे हैं. थोक में आलू के दाम पिछले दिनों दो 10- 15 रुपये किलो तक थे, लेकिन फुटकर बाजार में अभी कोई असर नहीं पड़ा है. बाजारो में आलू 20 से 25 रुपये किलो के दाम पर बिक रहा है.कुछ ऐसा ही हाल नींबू का भी है. दुबग्गा सब्जी मंडी सब्जी मंडी व्यापारी व मण्डी अध्यक्ष शहनवाज हुसैन ने बताया कि रेट भले ही कम हों लेकिन अधिकतर फुटकर कारोबारी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं. फुटकर में सब्जी का मनमाना दाम लिए जाने के मामले में मंडी परिषद ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.
थोक और फुटकर भाव में अंतर
सब्जी | थोक भाव | फुटकर भाव प्रति किलो रुपए में |
परवल | 15 से 20 | 40 से 50 |
टमाटर | 20 से 30 | 40 से 50 |
आलू | 10 से 15 | 20 से 25 |
नींबू | 45 से 50 | 70 से 80 |
प्याज | 30 से 35 | 50 से 55 |
फूल गोभी | 8 से 10 रुपए पीस | 10 से 15 रुपए पीस |
शिमला मिर्च | 18 से 22 | 40 से 50 |
धनिया | 10 से 15 | 40 से 50 |
भिंडी | 20 से 25 | 30 से 40 |