प्रयागराज: परीक्षा नियामक प्राधिकारी की तरफ से यूपी में टीईटी के प्रमाण पत्र को आजीवन मान्यता देने का आदेश जारी कर दिया गया है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी की तरफ से 12 जुलाई को ये आदेश जारी किया गया है. जिसमें लिखा है कि फरवरी 2011 के बाद से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र अब आजीवन मान्य रहेगा. इसके लिये जून महीने में ही एनसीटीई की तरफ से दिशा निर्देश जारी किया जा चुका था.
बता दें कि टीईटी का प्रमाण पत्र शिक्षक बनने के लिये जरुरी होता है. उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षक बनने के लिये टीईटी का सर्टिफिकेट होना जरुरुी है, लेकिन पहले टीईटी पास करने के बाद मिलने वाले प्रमाण पत्र की वैधता सिर्फ पांच सालों तक के लिये ही मान्य रहती थी. शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को टीईटी परीक्षा पास करने के 5 साल के अंदर ही नौकरी हासिल करने का दबाव रहता था, जिसको लेकर अभ्यर्थियों की तरफ से इस तरह की मांग उठ रही थी कि टीईटी के प्रमाणपत्र को आजीवन मान्यता दी जाए. जिसके बाद पिछले दिनों 9 जून को एनसीटीई की तरफ से दिशा-निर्देश जारी किया गया था. जिसके यूपी सरकारी की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है, जिसके तहत अब एक बार टीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी को मिलने वाला सर्टिफिकेट जीवन भर के लिए वैध रहेगा. अब शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिये सिर्फ एक बार ही टीईटी की परीक्षा पास करनी होगी. 11 फरवरी 2011 के बाद से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र आजीवन मान्य रहेगा.