लखनऊ : राजधानी में बेधड़क तरीके से बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का व्यापार चल रहा है. यूपी एसटीएफ की ओर से जून 2022 से लेकर अब तक शहर में प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करने वाले चार गिरोहों का भंडाफोड़ किया जा चुका है. 22 नवंबर 2022, 17 जुलाई 2022, 07 सितंबर 2022, 13 जनवरी 2023, 2 मार्च 2023 व 14 जून 2023 को लखनऊ में ही बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक पकड़ा गया.
एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि 'कोरोना के बाद से लगातार गिरोह को पकड़ा गया है, जो दवाइयों का अवैध कारोबार करते हैं. एसटीएफ ने प्रतिबंधित दवाओं के कारोबार को काफी हद तक ब्रेक किया है. हाल ही में दो बड़े गिरोह पकड़े गये हैं जो ऑनलाइन फार्मेसी के नाम पर विदेशों तक प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई करते थे. एसटीएफ इनके नेटवर्क का पता करने में लगी हुई है. 24 नवंबर 2022 को एसटीएफ की टीम ने सरकारी अस्पतालों की दवाइयों को खुले बाजार में बेचने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से भारी मात्रा में सरकारी दवाइयां बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई थी. ऐसी दवाइयां जो सरकारी अस्पतालों के लिए होती हैं, जिसमें साफ शब्दों में लिखा होता है कि ओन्ली फॉर गवर्नमेंट हॉस्पिटल उन दवाइयों को बाजार में बेचा जाता था. इस बात की भनक जब एसटीएफ को हुई उसी समय गिरोह को पकड़ा गया था, जिसमें अनेकों दवा शामिल थीं.'
वाराणसी से पकड़ा गया गिरोह :उन्होंने बताया कि 'एसटीएफ को बद्दी (हिमाचल प्रदेश) से पेटेंट दवा कम्पनियों के नाम की नकली दवाएं बनवाकर और वाराणसी में अवैध तरीके से भंडारण कर, वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जनपदों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में अवैध तरीके सप्लाई करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग का खुलासा किया था. खुलासा करते हुए गैंग सरगना को गिरफ्तार कर विभिन्न कम्पनियों के नाम की प्रतिबंधित दवायें लगभग 300 पेटी (अनुमानित मूल्य 7.5 करोड़ रुपये लगभग) बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई. गिरफ्तार हुए सदस्यों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया था.'