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करोड़ों की ठगी का मास्टरमाइंड राजेश पांडे को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

लोगों से निवेश के नाम पर ठगी करने के आरोपी राजेश पांडे को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने गिरफ्तार कर लिया है. राजेश पांडे (Rajesh Pandey) की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था.

UP STF
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Published : Jul 17, 2021, 11:21 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 1:44 AM IST

लखनऊ: यूपी एसटीएफ (UP STF) ने अरबों की ठगी करने वाले मास्टरमाइंड राजेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया है. राजेश पांडे (Rajesh Pandey) की गिरफ्तारी इंदिरा नगर के साईं मंदिर के पास से की गयी. ठगी का यह खेल हेलो राइड लिमिटेड कंपनी बनाकर खेला गया थआ. आरोपी राजेश पांडे लोगों से निवेश के नाम पर 100 करोड़ रुपये जमा होने के बाद से ही कंपनी बंद कर ग्राहकों को पेमेंट नहीं दे रहा था. पेमेंट ना मिलने के बाद ही विभूति खंड थाने में लगभग दो दर्जन लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी की थी, लेकिन राजेश पांडे फरार चल रहा था. राजेश पांडेय की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 25 हजार रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी.



यूपी एसटीएफ मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पकड़े गये आरोपी राजेश पांडे ने पूछताछ में बताया कि अभय कुशवाहा ने साल 2013 में इंफिनिटी वर्ल्ड इन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी, जो रियल स्टेट में काम करती थी. इस कंपनी में सस्ते प्लॉट देने के नाम पर किश्त के रूप में रुपया जमा किया जाता था. इस कंपनी के डायरेक्टर अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी और शकील अहमद खान थे. एसटीएफ के साथ पूछताछ में राजेश पांडेय ने बताया कि वो सेल्स मैनेजर था. इसके बाद आरोपी राजेश ने साल 2017 में ओजोन इंफिनिटी वर्ल्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम की कंपनी बनायी. इस कंपनी में राजेश, अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी, निखिल कुशवाहा और शकील अहमद खान डायरेक्टर थे. यह कंपनी कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से रुपया जमा कराती थी. इसके बाद राजेश ने साल 2018 में फ्लोराइड लिमिटेड नामक कंपनी बनायी, जिसमें निखिल कुशवाहा, अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी डायरेक्टर थे. इसका ऑफिस साइबर हाइट्स विभूति खंड में आठवें तल पर था. यह कंपनी बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर ग्राहकों से 61 हजार रुपये जमा करने के बदले प्रति माह 9582 रुपये 12 माह तक देने का प्रलोभन देकर रुपये जमा कराती थी. जिसका ग्राहकों को 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था.



पूछताछ के दौरान राजेश पांडे ने बताया कि इस कंपनी में वह ग्राहकों से एग्रीमेंट करने का काम करता था. कंपनी द्वारा उसको मर्सिडीज कार दी गयी थी. इन कंपनियों में जब लगभग 100 करोड़ रुपये जमा हो गये तो कंपनी ने ग्राहकों को पेमेंट देना बंद कर दिया. इसके कारण ग्राहकों ने थाना विभूति खंड में मुकदमा दर्ज करा दिया. एसटीएफ का कहना है इस मामले में अभय कुशवाहा को मार्च 2019 में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जेल में लगभग 3 महीने रहने के बाद अभय कुशवाहा की जमानत हो गया. इसके बाद एसटीएफ द्वारा 2019 में ही निखिल कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद 2019 से अब तक कंपनी व राजेश पांडे पर ग्राहकों ने सैकड़ों मुकदमे दर्ज कराये थे. तब से यह मास्टरमाइंड फरार चल रहा था. जिसको देखते हुए अधिकारियों द्वारा इस जालसाज के खिलाफ 25 हजार रुपये इनाम का भी ऐलान किया गया था.


एसटीएफ ने बताया कि कंपनी के ऑफिस लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा, मुजफ्फरपुर, मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर, पंजाब आदि जगह मौजूद थे. एसटीएफ ने बताया कि इस गिरोह का जाल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में फैला हुआ है. गिरफ्तार आरोपी की अन्य आपराधिक गतिविधियां एवं बैंक अकाउंट डिटेल प्राप्त कर कुल धोखाधड़ी के संबंध में जानकारी की जा रही है.

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Last Updated : Jul 18, 2021, 1:44 AM IST

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