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OSD बनकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर ऐंठता था रकम, STF ने दबोचा - ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर जालसाजी

राजधानी लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने प्रमुख सचिव का OSD बनकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर ठगी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी मनचाही तैनाती और प्रामोशन कराने का लालच देकर पैसे ऐंठने का काम करता था.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Jun 13, 2021, 12:56 AM IST

लखनऊ: UP STF ने प्रमुख सचिव का OSD बनकर ट्रांसफर-पोस्टिंग में दलाली के नाम पर जालसाजी करने वाले बीटेक पास आउट हाईप्रोफाइल ठग हिमांशु शुक्ला को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास मोबाइल फोन, फर्जी पहचान पत्र, नियुक्ति पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर कार्ड बरामद किया गया. एसटीएफ के अफसरों की मानें तो आरोपी ठग सचिवालय में गृह विभाग में अनुसेवक के तौर पर दो वर्ष तक संविदा पर काम कर चुका है. ट्रूकॉलर पर ठग के मोबाइल फोन का नंबर ओएसडी प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन लिखकर आता था.

ठग हिमांशु शुक्ला (फाइल फोटो)

एसटीएफ प्रभारी अनिल सिसौदिया के मुताबिक, मिर्जापुर के अधिकारियों द्वारा शासन के वरिष्ठ अधिकारियों का ओएसडी बनकर अनुचित दबाव बनाने के संबंध में एक शिकायत की गई थी. मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ अमित कुमार नागर को सौंपी गई. जांच के दौरान हिमांशु शुक्ला द्वारा मिर्जापुर के एक अफसर को प्रमुख सचिव का ओएसडी बताकर अपने अवैध कार्यों को शीघ्र कराने और मनचाही तैनाती और प्रामोशन कराने का लालच दिया गया.

सीयूजी नंबर का कर रहा था इस्तेमाल
हिमांशु शुक्ला अपने आप को प्रमुख सचिव का ओएसडी बता कर लोगों को ठगने के लिए सीयूजी नंबर का इस्तेमाल करता था. अधिकारी के ट्रूकॉलर पर मोबाइल की स्क्रीन पर ओएसडी प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन लिखकर आता था, जिससे वह मिर्जापुर के अधिकारियों पर अपना रौब झाड़ता था. वह अधिकारियों पर बड़े विश्वास के साथ कहता था की हम आपको अपना नियुक्ति पत्र भेज देंगे और सचिवालय के प्रदेश स्तर के अधिकारियों से सत्यापन करा देंगे.

खुद को परिवहन विभाग का निजी सचिव बताता था
आरोपी हिमांशु शुक्ला सचिवालय के गृह विभाग में अनुसेवक के तौर पर दो वर्ष तक संविदा पर काम कर चुका है. वह बड़े विश्वास से बताता था कि अब उसकी तैनाती परिवहन विभाग में अपर निजी सचिव के पद पर उत्तर प्रदेश सचिवालय बापू भवन के पंचम तल पर है. उसने उत्तर प्रदेश सचिवालय का परिचय पत्र भी बनवा रखा था.

तल्ख लहजे में बात करने से अफसरों को हुआ शक
तल्ख लहजे में बात करने के स्टाइल से अफसरों को हिमांशु पर शक हुआ. एसटीएफ की मानें तो हिमांशु ने अपने किसी काम के लिए मिर्जापुर के अधिकारियों को फोन किया और बोला कि यह मेरा काम है, लेकिन उसने अधिकारियों से बड़े ही तल्ख लहजे में बात की और काम को जल्दी कराने के लिए अनुचित दबाव बनाया, जिससे नाराज अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की. जांच एसटीएफ को सौंपी गई और सच्चाई सामने आने पर लखनऊ के विभूति खंड गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.

एसटीएफ को भी लिया अर्दब में
एसटीएफ के अफसरों ने पूछताछ के लिए 11 जून को आरोपी हिमांशु को दफ्तर में बुलाया तो वह मूल कागजात लेकर आत्मविश्वास के साथ कार्यालय में उपस्थित हुआ. उसने एसटीएफ के अफसरों को भी अर्दब में लेने का प्रयास किया, लेकिन अफसरों ने दस्तावेजों के संबंध में तर्क पूर्ण प्रश्न किए, जिसके बाद उसने कूट रचित कर तैयार की गई फर्जी दस्तावेजों की सच्चाई कुबूल दी और अपना जुर्म स्वीकार कर लिया.

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आरोपी ने बताया कि बीटेक पास आउट करने के बाद उसने कुछ समय तक प्रॉपर्टी डीलिंग का काम किया. उसके बाद सचिवालय में संविदा पर अनुसेवक के तौर पर 2 वर्ष तक काम किया. इस दौरान सचिवालय में कई कर्मचारियों और अधिकारियों से परिचय हो गया. लालच में आकर वह सचिवालय का अधिकारी बन लोगों को रौब में लेकर ठगी करने लगा.

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