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यूपी STF की बड़ी कार्रवाई, रिटायर्ड अधिकारियों से करोड़ों की ठगी करने वाले 6 गिरफ्तार

यूपी की राजधानी लखनऊ में यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है. एसटीएफ की टीम ने लोगों से करोड़ों की जालसाजी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है. यह गिरोह कम समय में पैसे को दोगुना करने का लालच देता था.

रिटायर्ड अधिकारियों से करोड़ों की ठगी करने वाले 6 गिरफ्तार
रिटायर्ड अधिकारियों से करोड़ों की ठगी करने वाले 6 गिरफ्तार

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Published : Aug 26, 2020, 9:30 PM IST

लखनऊ: यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है. टीम ने लोगों से करोड़ों की जालसाजी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ में कबूल किया है कि वह कम समय में लोगों को उनकी रकम को दोगुना करने का लालच देते थे. इसके लिए फर्जी नाम पते पर बीमा कंपनियों को रजिस्टर्ड कराया जाता था. नेशनल बैंकों में खाते खुलवा कर लोगों से रुपया जमा करवाया जाता था. इसके लिए गिरोह के सदस्य रिटायर्ड अधिकारियों को निशाने पर लेते थे.

काल सेंटर के जरिए रकम दोगुनी करने के लालच में फंसाते थे लोगों को
यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने लोगों से करोड़ों की जालसाजी करने वाले संगठित गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगों ने बताया कि गिरोह पिछले 5 सालों से काम कर रहा है और सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी कर चुके हैं. ठगी के लिए वह ऐसे लोगों को चुनते थे, जो सरकारी विभागों से रिटायर्ड हो चुके होते थे या फिर ऐसे लोग जो कम समय में अपनी जमापूंजी को दोगुना कराना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने काल सेंटर भी बना रखा था, और इस काॅल सेंटर में 30 टैलीकाॅलर काम करते थे. इस सेंटर से सैकड़ों लोंगो से करोड़ों की ठगी की जा चुकी है.

इन बीमा कम्पनियों के बैंक खातों में जमा होती थी रकम
बीमा में बोनस देने, जीवन भर हेल्थ इंश्योरेंस दिलाने व कम्पनियों में इनवेस्ट करने पर कम समय में रकम दोगुनी करने का लालच देने वाले गिरोह के सदस्यों ने फर्जी नाम पते पर कई बीमा कम्पनियों को खोल रखा था. एलायंज ग्रीन सिटी, आरआईएल डेवलपर्स, एमडीआई ई-कामर्स, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, गोल्डेन आरकिड, वेट फोलिओ सर्विस ऐसी तमाम कम्पनियों के बैंक खातों में लोगों से रूपया जमा कराया जाता था.

फर्जी दस्तावेजों के दम पर चल रही थी कम्पनियां
गिरफ्तार किए गए अभिनव सक्सेना ने बताया कि गिरोह का सदस्य वेद प्रकाश फर्जी नाम पते पर कम्पनी रजिस्टर्ड कराता था एवं कंपनियों के नाम पर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाने का काम करता था. कम्पनियों के नाम पर खोले गए बैंक के खातों के एटीएम, हस्ताक्षरित चेक बुक उसे मुहैय्या कराता था. इसके लिए वेद प्रकाश को ठगी किए गए रुपयों का 25 प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता था.

पति-पत्नी, बहन-बहनोई चलाते थे गिरोह
यह गिरोह पिछले 5 सालो से लोगों की जमापूंजी को उनसे धोखाधड़ी के जरिए वसूल करता था. अभिनव सक्सेना कानपुर के थाना चौबेपुर का रहने वाला है. उसकी शादी प्रिया सक्सेना से हुई थी. इस धन्धे में उसकी पत्नी प्रिया सक्सेना, बहन नेहा सक्सेना और बहनोई रितेश सिंह भी शामिल है.

रिडायर्ड अधिकारियों ने दर्ज कराए थे गिरोह के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा
गिरोह ने यूपी के चिकित्सा विभाग से रिटायर्ड अपर निदेशक डॉ. सीबी चौरसिया से 40 लाख रुपया और रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक रंजीत सिंह से 4 लाख से ठगी की थी. जिसके खिलाफ डॉ. सीबी चौरसिया ने गाजीपुर थाना और रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक रंजीत सिंह ने विकास नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

इन लोगो की हुई गिरफ्तारी
यूपी STF ने 6 लोंगो को गिरफ्तार किया है. ठगी के मामले में अभिनव सक्सेना, वेद प्रकाश, मो. अरमान, नेहा सक्सेना, प्रिया सक्सेना और मिनाक्षी भारती को गिरफ्तार किया गया है.

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