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लखनऊ: आजम खां के बाद नहीं बना अब तक कोई भी इस कुर्सी का दावेदार - उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी

योगी सरकार में आजम खां की कुर्सी से हटने के 17 महीने बाद भी हज कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. हज कमिटी ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य ने योगी सरकार की इस रवैये पर कई सवाल खड़े किए.

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17 महीने से चेयरमैन की कुर्सी खाली.

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Published : Jan 15, 2020, 1:20 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 3:23 AM IST

लखनऊ: मुसलमानों के पाक और मुकद्दस हज के सफर की तैयारियां इन दिनों देश भर में तेजी से चल रही है. वहीं हिंदुस्तान से सबसे ज्याद जाने वाले हाजियों के प्रदेश में अब तक हज कमेटी का गठन नहीं हुआ है. इसी के साथ हज कमिटी की नुमाइंदगी करने वाला चेयरमैन का पद आजम खां के बाद से ही खाली पड़ा है. योगी सरकार में आजम खां की कुर्सी से हटने के बाद भी 17 महीनों में कोई नहीं बैठ सका है.

17 महीने से चेयरमैन की कुर्सी खाली.

दरअसल, 27 अगस्त 2018 को पिछली कमेटी का कार्यकाल खत्म हो गया था, जिसके फौरन बाद से दूसरी कमेटी को अलग-अलग पद संभालने थे, लेकिन अभी तक न तो कमेटी के किसी मेंबर का चयन हुआ है और न ही चेयरमैन का. ऐसे में जहां लोग योगी सरकार से जल्द यूपी हज कमिटी के गठन की मांग कर रहे हैं. वहीं आजम खां के बाद हज कमिटी के चेयरमैन के लिए किसी बड़े नाम के एलान की भी उम्मीद जता रहे हैं.

हज कमिटी ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य ने खड़े किए सवाल
सैयद मकसूद अशरफ ने योगी सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिना चेयरमैन और बिना मेम्बर्स के हज कमिटी क्यों चलाई जा रही है. मकसूद अशरफ ने कहा कि माइनॉरिटीज के किसी भी डिपार्टमेंट को लेकर इस सरकार में कोई खास दिलचस्पी नहीं नजर आती.उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी का संचालन 16 सदस्य करते हैं, जिसमें एक सांसद, एक विधायक, एक विधान परिषद सदस्य, दो सुन्नी व एक शिया समुदाय के धर्मगुरु, 3 पार्षद और 5 समाजसेवक होते हैं. इसके साथ ही कमेटी में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन व राज्य हज कमेटी के सचिव पदेन सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल 3 वर्ष का होता है.

Last Updated : Jan 15, 2020, 3:23 AM IST

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