लखनऊ : रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में आने वाली शिकायतों के निस्तारण में नोएडा अव्वल है. लखनऊ दूसरे नंबर पर है. जबकि प्रयागराज अंतिम नंबर पर है. रेरा ने हाल ही में यह जानकारी जारी की है. जिसमें 90 फीसद निस्तारण का दावा किया जा रहा है, मगर लोगों का कहना है कि निस्तारण में दिखावा हो रहा है.
रेरा ने पिछले पांच वर्षों से अब तक लगभग 48 हजार 500 शिकायतें दर्ज हुई हैं. लगभग 42 हजार 980 शिकायतों का निस्तारण हो चुका है. यूपी रेरा का दावा है कि सभी रेरा द्वारा निस्तारित कुल शिकायतों के पचास प्रतिशत से भी अधिक है. यूपी रेरा के सचिव राजेश कुमार त्यागी ने बताया कि उप्र रेरा ने सभी शिकायतों की सुनवाई कर उन्हें भू-सम्पदा (नियमन और विकास) अधिनियम 2016 के अनुसार निस्तारित किया है. शिकायतकर्ताओं के हितों की सुरक्षा की है.
पिछले पांच साल में रेरा में आईं शिकायतें
यूपी रेरा का दावा 90 फीसद शिकायतों का हुआ निस्तारण, फरियादियों ने कही यह बात
रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने प्राप्त शिकायतों में 90 फीसद के निस्तारण का दावा किया है. वही फरियादियों का कहना है कि रेरा का दावा तो है, लेकिन समाधान नहीं है.
गौतम बुद्ध नगर में 28859 शिकायतें आईं. 25513 निस्तारित की गई हैं. लखनऊ में 8654 शिकायतें मिलीं, इनमें 8052 शिकायतें निस्तारित हैं. गाजियाबाद में 6500 शिकायतें आईं इनमें 5617 का निस्तारण किया गया. वाराणसी की 860 शिकायतें मिलीं इनमे 834 का समाधान किया गया. मेरठ की 807 कम्प्लेन थीं, इनमें 746 निपटा दी गईं. आगरा में 511 लोगों की पीड़ा सामने आई. इनमें 434 निपटा दी गई. कानपुर नगर में 264 लोग रेरा अदालत में पहुंचे. इनमें 247 को न्याय मिला. बाराबंकी में 193 शिकायतें मिलीं. जिनमें 177 निपटा दी गईं. मथुरा में 148 लोग रेरा पहुंचे. 117 की शिकायतों का समाधान हुआ. उन्नाव में 148 शिकायत मिलीं, जिनमें 114 का समाधान हुआ. प्रयागराज में 143 कम्प्लेन रेरा में पहुंचीं. इनमें से 118 का समाधान कर दिया गया.
दूसरी ओर शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यूपी रेरा कि यह निस्तारण केवल निस्तारण हैं. समाधान नहीं है. पारिजात वेलफेयर सोसाइटी के सचिव समर विजय सिंह ने बताया कि यूपी रेरा समाधान नहीं करता है. जो आदेश होते हैं उनका पालन नहीं होता. केवल आदेश होकर रह जाते हैं. यह निस्तारण न्याय नहीं है. निस्तारण का समाधान होना भी बहुत जरूरी है.