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यूपी रेरा ने सुपरटेक कंपनी के दो प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन को किया रद्द

यूपी रेरा (उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण) ने सुपरटेक कंपनी के दो प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई कंपनी द्वारा किये जा रहे कार्यों को समय से पूरा न करने पर की गई है.

उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण
उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण

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Published : Jul 15, 2021, 5:39 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (उप्र रेरा) ने राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुपरटेक लिमिटेड की दो परियोजनाएं (i) गोल्फ कंट्री जी.एच. 01-फेज-1 ए और (ii) गोल्फ कंट्री जी.एच .01-फेज-1 बी. रेरा की धारा-5 सहपठित धारा 4 (2) (बी) और धारा 11 (4) (बी) को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण के लिए आवेदन को अस्वीकार करने का निर्णय लिया है. प्रमोटर रेरा को दी गई समयसीमा के भीतर बड़ी संख्या में अपनी परियोजनाओं को पूरा करने में विफल रहा है और परियोजनाओं के घर खरीदारों द्वारा दायर शिकायतों पर प्राधिकरण द्वारा पारित अधिकतर आदेशों का अनुपालन नहीं किया है.

यूपी रेरा के सचिव राजेश त्यागी ने बताया कि यह निर्णय लेने से पहले 23 जून को प्रमोटर को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया था. प्राधिकरण ने प्रमोटर से परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक ठोस कार्य योजना और आदेशों की विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट की मांग की थी. सुनवाई के दौरान कंपनी के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने प्राधिकरण को बताया कि कंपनी परियोजनाओं को पूरा करने और प्राधिकरण के आदेशों का अनुपालन करने का प्रयास कर रही है. प्राधिकरण द्वारा प्रमोटर की लिखित या मौखिक प्रतिक्रियाओं को संतोषजनक नहीं पाया गया और इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यह अनेकों पीड़ित घर खरीदारों के हित में नहीं होगा कि दो नई परियोजनाओं के पंजीकरण को मंजूरी दी जाए. विशेष रूप से जब प्रमोटर प्राधिकरण में पंजीकृत अधिकतर परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं रहा है और प्राधिकरण द्वारा पारित बड़ी संख्या में आदेशों का गैर अनुपालन किया है.

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यूपी रेरा चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि प्रमोटर प्राधिकरण के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है और लंबित आदेशों के अनुपालन की स्थिति में कोई स्पष्ट सुधार नहीं हुआ है. प्रमोटर ने अपनी ऑन-गोइंग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक ठोस कार्य योजना नहीं दी है, जिसके परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में घर खरीदारों को प्राधिकरण के समक्ष शिकायत करने के लिए मजबूर किया है. प्रमोटर न केवल अपनी परियोजनाओं को गति देने में विफल रहा है, बल्कि प्राधिकरण के आदेशों का पालन करने में भी विफल रहा है, जिससे घर खरीदारों की पीड़ा और भी बढ़ गई. रेरा चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि प्राधिकरण के लिए घर खरीदारों के हितों की रक्षा करना और प्रोमोटरों से रेरा अधिनियम और नियमों के प्रावधानों को सुनिश्चित कराना सर्वोपरि है.

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