लखनऊ: यूपी में खराब सड़कों की शिकायतों को लेकर लोक निर्माण विभाग ने दावा किया है कि पिछले 4 वर्षों में 13 हजार 613 किलोमीटर लंबी सड़कों को दुरुस्त किया गया है. साथ ही चौड़ीकरण का भी कार्य किया गया है. जिससे कि यूपी में यातायात के बेहतर और सुगम रास्ते हो सकें.
कैसे संभव हो सकी 13 हजार 613 किलोमीटर की मंजिल
लोक निर्माण विभाग का दावा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कुशल रणनीति के चलते इतनी बड़ी मंजिल तय हो सकी है. लोक निर्माण विभाग लगातार सड़कों के चौड़ीकरण और गड्ढा मुक्त बनाए जाने के लिए काम करता है. सहयोगी पार्टनर्स का जिक्र करते हुए विभाग ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की ओर से नियमित रूप से महत्वपूर्ण मार्गों का राज्य योजना, राज्य सड़क निधि, केंद्रीय मार्ग निधि, विश्व बैंक परियोजना, एशियन विकास बैंक परियोजना जैसी योजनाओं में चौड़ीकरण और बेहतरी का कार्य किया जा रहा है.
लोकनिर्माण विभाग को कितने प्रोजेक्ट में मिली सफलता
लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मार्ग निधि अंतर्गत 3035 करोड़ की लागत से 117 प्रमुख जिला मार्गों और जिला मार्गों की 1828 किलोमीटर लंबाई का दो लेन में चौड़ीकरण किया जा रहा है. जिसमें अभी तक 108 प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया गया है, अन्य 9 प्रोजेक्ट भी बहुत जल्द पूरे हो जाएंगे. वहीं एशियन डेवलपमेंट बैंक परियोजना के अंतर्गत 2,782 करोड़ की लागत से 8 मार्गों का विकास किया जा रहा है. जिसकी कुल लंबाई 424 किलोमीटर है, जिनके साथ के 5 प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं और अन्य तीन प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
विश्व बैंक परियोजना की कुल लागत
विश्व बैंक परियोजना की कुल लागत 3,700 करोड़ रुपये है. पहले फेज में 4 प्रोजेक्ट चुने गए हैं. एक प्रोजेक्ट पूरा हो गया है और तीन प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. दूसरे फेज में सड़क मार्गों को चिह्नित किया जा चुका है. दो प्रोजेक्ट का डीपीआर गठन पूरा कर लिया गया है.
इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क मार्ग निर्माण परियोजना
इंडो-नेपाल बॉर्डर मार्ग निर्माण परियोजना के अंतर्गत 12 प्रोजेक्ट, लंबाई 236 किलोमीटर और लागत 1047 करोड़ के काम किए जाने थे. जिसमें अभी तक 9 प्रोजेक्ट, जिसकी लंबाई 114 किलोमीटर (बाधारहित) और लागत 413 करोड़ के काम पूरे किए जा चुके हैं. बाकी अन्य प्रोजेक्ट के काम प्रगति में हैं. इस परियोजना के अंतर्गत 186 किमी लंबाई में फॉरमेशन लेवल और 172 किमी लम्बाई मे सरफेसिंग लेवल तक का कार्य पूरा किया जा चुका है.