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लखनऊ के घंटाघर पर धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी, जानिए वजह - उत्तर प्रदेश खबर

लखनऊ के घंटाघर पर धरने पर बैठे उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 75 सौ रुपए की सैलरी पाने वाले संविदा कर्मचारियों को दूसरे जनपदों में तैनाती दी जा रही है.

घंटाघर पर धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी
घंटाघर पर धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी

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Published : Jan 5, 2021, 5:49 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर धरने पर बैठा है. कर्मचारियों ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा संविदा कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. न्याय की मांग को लेकर कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की.

घंटाघर पर धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा व संविदा कर्मचारी संघ लखनऊ के बैनर तले मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटा घर पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. बड़ी तादाद में धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि चौक बिजली विद्युत उपकेंद्र पर अधिकारियों व ठेकेदारों द्वारा संविदा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. जिसके खिलाफ लामबंद होकर कर्मचारी महासंघ भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए धरने पर बैठा है.
घंटाघर पर धरने पर बैठे बिजली कर्मचारी
शिकायत के बाद भी बेसुध हैं अधिकारीउत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा व संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडे ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा पुराने ठेकेदारों द्वारा ईपीएफ कटौती के पैसे को भविष्य निधि खाते में जमा नहीं कराया जा रहा है. मामला संज्ञान में आने के बाद भी ईपीएफ घोटाले की जांच नहीं कराई जा रही है. इसके साथ ही हेरा-फेरी के चलते संविदा कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा पैसे का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है. साथ ही संविदा कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. बार-बार मामला उठाने के बाद भी अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडे का कहना है कि प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से 484 रुपया कटने के बावजूद भी इन कर्मचारियों को परिवार फोटो सहित प्रमाणित पहचान पत्र नहीं दिया गया है. जिससे कर्मचारियों को उपचार कराने में काफी समस्याएं उठानी पड़ रही हैं. समस्त समस्याओं के संबंध में संघ द्वारा पूर्व में भी अधीक्षण अभियंता को कई बार पत्राचार किया जा चुका है मगर कोई सुध नहीं ली जा रही.

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