लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का पहला चरण पूरा हो गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले लॉकडाउन का पालन कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. इस दौरान पुलिस जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाती रही. वहीं दूसरी ओर लॉगडाउन का पालन न करने वालों के खिलाफ बड़ी संख्या में पुलिस ने कार्रवाई भी की है.
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 18,571 पर एफआईआर दर्ज
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर यूपी पुलिस ने 18,571 एफआईआर दर्ज की है, जिनके तहत 44,016 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में गुरुवार शाम तक 776 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. वहीं राजधानी लखनऊ में 75 कोरोना वायरस से पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई.
लॉकडाउन-1 में 188 आईपीसी एक्ट के तहत 44,016 अभियुक्त गिरफ्तार. प्रथम लॉकडाउन में 22, 632 वाहन सीज
प्रथम लॉक डाउन का पालन कराते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक कुल 18,571 एफआईआर दर्ज की हैं. अन्य कार्रवाई के तहत बड़े पैमाने पर आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51,52 के तहत भी मामले दर्ज किए गए. पूरे उत्तर प्रदेश में लॉक डॉगडाउन का सकुशल पालन कराने के उद्देश्य 5395 बैरियर और नाका की स्थापना की गई. 21 दिनों के पहले चरण में कुल 16,50,149 वाहनों की चेकिंग की गई, जिनमें से 3,85,566 वाहनों का चलाना काटा गया. साथ ही 22, 632 वाहनों को सीज कर दिया गया.
188 आईपीसी एक्ट के तहत 44,016 अभियुक्त गिरफ्तार
प्रथम चरण लॉकडाउन में वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के तहत 6,84,20,640 रुपये का शमन शुल्क वसूला गया. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पीवी रामा शास्त्री ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण लॉक डाउन के दौरान 188 आईपीसी एक्ट और आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. दर्ज किए गए मामलों के तहत 44,016 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है.