जारी है तफ्तीश : हत्यारे तो छोड़िए अज्ञात महिलाओं के शवों की शिनाख्त में भी यूपी पुलिस फिसड्डी
उत्तर प्रदेश पुलिस चाहे कितने ही दावे हाईटेक और सक्रिय होने के करे, लेकिन अज्ञात शवों की शिनाख्त और उनके हत्यारों तक पहुंचने में नाकाम है. यूपी पुलिस का हाईटेक पोलिसिंग का दावा राजधानी लखनऊ के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में मिले महिलाओं के शवों की शिनाख्त अभी तक चुनौती ही है.
लखनऊ : राजधानी पुलिस के सामने चुनौती उन तीन महिलाओं के हत्यारों को ढूढने की है, जिनकी लाश अक्टूबर व नवंबर में अलग-अलग इलाकों में मिली थी. पुलिस अधिकारियों के सामने चिंता का विषय यह भी है कि हत्यारों तक वे तब पहुंच सकेंगे जब तीनों महिलाओं की शिनाख्त होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हाईटेक पोलिसिंग करने का दावा करने वाली लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट इस साल के अंत तक भी इन तीनों महिलाओं के कातिलों तक पहुंच सकेगी.
अज्ञात शवों की शिनाख्त में लगी हैं टीमें.
नदी नहर में बहती हुई मिली थीं लाशें :राजधानी लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके से गुजरने वाली इंदिरा नहर में 13 व 14 अक्टूबर को दो महिलाओं की लाश मिली. पुलिस ने दोनों ही लाश का पोस्टमॉर्टम करवाया और रिपोर्ट में सामने आया कि दोनों ही महिलाओं की हत्या की गई थी. अब पुलिस के सामने चुनौती इन महिलाओं के कातिलों का पता लगाना और इससे बड़ी चुनौती इन दोनों ही महिलाओं की शिनाख्त करना. पुलिस की टीम सबसे पहले इन महिलाओं की शिनाख्त करने के लिए हाथ पांव मारने लगी. पुलिस इन दोनों ही महिलाओं की शिनाख्त कर ही रही थी कि 15 नवंबर को माल थाना क्षेत्र इलाके में नदी में एक और महिला की लाश मिलने से सनसनी मच गई. पोस्टमार्टम में इस महिला की भी गला दबा कर हत्या की बात सामने आई. अब लखनऊ पुलिस के सामने दो नहीं, बल्कि तीन महिलाओं की शिनाख्त और फिर उनके कातिलों तक पहुंचने की चुनौती खड़ी थी.
अज्ञात शवों की शिनाख्त में पुलिस खाली हाथ.
महिलाओं की शिनाख्त करना टेढ़ी खीर : वैसे यह पहली बार नहीं है, जब तीन महिलाओं के कातिल सिर्फ इसलिए खुलेआम घूम रहे होंगे. इससे पहले भी तीन महिलाएं हैx, जिनकी रूह आज भी अपने कातिलों को जेल के सलाखों के पीछे देखने का इंतजार कर रही होगी. राजधानी में तीन-तीन वर्ष के अंतराल में तीन लाशें मिली थीं, जिनकी न ही पुलिस शिनाख्त करा सकी और न ही उनके कातिलों तक पहुंच सकी है.
महिला को मारा फिर जलाया, न शिनाख्त हुई न हत्यारे मिले : बीते वर्ष 21 मार्च को राजधानी के ठाकुरगंज स्थित डंपिंग यार्ड में एक महिला की जली हुई लाश मिली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महिला की उम्र 25 से 28 वर्ष के बीच रही होगी. महिला को पहले जहरीला पदार्थ पिलाने और फिर जलाकर मारने की पुष्टि हुई. पुलिस ने दावा किया जल्द ही कातिलों को गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन 20 माह बीत चुके हैं. पुलिस कातिलों को गिरफ्तार करना तो दूर महिला की शिनाख्त तक नहीं करा सकी है. पुलिस के पास सिर्फ महिला की हरी चूड़ियां और जली हुई पायल है.
दो महिलाओं के सिर मिले और न ही कातिल : सात वर्ष पहले 4 दिसम्बर 2016 को मड़ियांव थाना अंतर्गत छैला चौकी के पास दो युवती के बिना सिर के कई हिस्सों में शरीर के हिस्से कटे हुए मिले. दोनों की उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच थी. पुलिस बिना किसी सुराग के कई दिनों तक दोनों ही शव के सिरों की तलाश करती रही. पुलिस को न ही सिर मिले और न ही हत्या करने वाले कातिल.
महिला के साथ दरिंदगी करने वाले घुले आम घूम रहे : चार वर्ष पहले 21 जनवरी 2019 अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास शहीद पथ के किनारे जंगल में एक सूटकेस में महिला की लाश मिली थी. महिला का शव सूटकेस में ठूंसकर भरा गया था. महिला ने गहरे भूरे रंग का स्वेटर, नारंगी रंग की सलवार और पायल पहनी थी. हत्यारों ने महिला के हाथ की सभी उंगलियों को जला दिया था ताकि बॉयोमीट्रिक के जरिए पहचान न की जा सके. उसका चेहरे भी जलाने की कोशिश की गई थी. महिला के पूरे शरीर को सिगरेट से जलाया गया था. मृतका की उम्र 25 से 28 बताई गई थी. पुलिस ने बहुत हाथ पैर मारे, लेकिन न ही युवती की शिनाख्त हो सकी और न ही कातिलों का पता लग सका.