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यूपी की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए 275 करोड़ रुपये का प्रावधान, जानिए योगी सरकार का प्लान - यूपी में सड़कों की हालत

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप लोक निर्माण विभाग द्वारा इस वर्ष गड्ढा मुक्ति व रिपेयर वर्क के लिए अब तक 275 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है. इसके तहत सभी जिलों में सड़क सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया जारी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 9:38 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश की व्यापक कायाकल्प की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में औद्योगिक विकास, मूलभूत अवसंरचनाओं के निर्माण व पुनर्रुद्धार की कार्ययोजनाओं पर काम हो रहा है. इसी क्रम में सड़क सौंदर्यीकरण, गड्ढामुक्त व मार्गों के रीस्टोरेशन प्रक्रिया को सरकार सख्त कदम उठा रही है.

यूपी की सड़कें होंगी चकाचक.

लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2022-23 के बीच गड्ढा मुक्त के लक्ष्यों को हासिल करने में 100 प्रतिशत सफलता मिली है. रीस्टोरेशन कार्यों को 93 प्रतिशत तक पूर्ण किया जा चुका है. बाकी के 7 प्रतिशत कार्यों को भी पूर्ण करने की ओर तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. लोक निर्माण विभाग द्वारा इस वर्ष अब तक 275 करोड़ रुपये प्रदेश के सभी जिलों को निर्धारित मार्ग सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवंटित किया जा चुका है.

यूपी की सड़कें होंगी चकाचक.


आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल 10 विभागों के अंतर्गत एक लाख 867 मार्गों के गड्ढा मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया गया है. वर्ष 2022-23 में 100 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गई है. मार्गों के रीस्टोरेशन वर्क्स को पूर्ण करने के लिए 98 हजार 355 सड़कों के रीस्टोरेशन कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है. इस प्रकार कुल 93 प्रतिशत कार्यों को वर्ष 2022-23 के बीच पूर्ण कर लिया गया है. बाकी के 7 प्रतिशत कार्यों को भी पूर्ण करने के लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा सतत प्रक्रिया जारी है और सभी कार्यों की सिलसिलेवार समीक्षा और मॉनिटरिंग की जा रही है. जिन विभागों के संयोजन से इन कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है उनमें लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त नेशनल हाईवे (पीडब्ल्यूडी), नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई-वेस्ट यूपी), एनएचएआई (ईस्ट यूपी), मंडी परिषद विभाग, पंचायती राज विभाग, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग (यूपीआरआरडीए), नगर विकास विभाग, गन्ना विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग प्रमुख हैं.

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