लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में ऑपरेशन त्रिनेत्र व हर घर कैमरे की योजना के तहत करीब 23 हजार कैमरे अब तक लगाने का दावा किया जा रहा है. इसके बावजूद राजधानी का शहीद पथ जिसकी लम्बाई 23 किलोमीटर है और अयोध्या मार्ग से एयरपोर्ट को जोड़ता है. इस मार्ग पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. लिहाजा इस पथ पर रोजाना होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाती है और एक्सीडेंट करने वाली गाड़ियों का नंबर तक ट्रेस नहीं हो पाता है. इसके अलावा शहीद पथ के करीब मौजूद कई संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी ताक पर है.
बीते हफ्ते शहीद पथ पर देर रात तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने बाइक सवार एमबीए छात्र पुरुषार्थ को कुचल दिया था. कार सवार भागने की फिराक में छात्र को 50 मीटर तक घसीट ले गया. इस हादसे में छात्र की दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन हादसा करने वाली कार को पुलिस ट्रेस नहीं कर सकी है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है शहीद पथ पर एक भी सीसीटीवी कैमरे का न होना. आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष 50 से अधिक बाइक सवार शहीद पथ पर हादसे का शिकार होते हैं. इसके बावजूद यातायात पुलिस और संबंधित विभाग जानलेवा अनहोनी से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.