उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों और कामगारों को दिया सम्मान, कहा अब आत्मनिर्भर हो सकेंगे कारीगर - लोक भवन में आयोजन

विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 50 हजार करोड़ का ऋण बांटा. साथ ही उद्यमियों और कामगारों को सम्मानित किया.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 16, 2023, 11:12 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 50 हजार करोड़ का मेगा ऋण वितरित किया. सीएम योगी ने बड़ी संख्या में उद्यमियों और कामगारों को ऋण बांटा. पहली बार एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में ऋण वितरण किया गया है. यह ऋण 18 ट्रेड से जुड़े कामगारों और उद्यमियों को दिया गया है. खास बात ये है कि ऋण प्राप्त करने वालों ने पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में टूल किट का भी वितरण किया गया. इस योजना के तहत कामगारों को पांच दिन का प्रशिक्षण भी दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना की शुरुआत की. यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक अभिनव योजना है. यह केवल प्रदेश के हुनर को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की योजना नहीं थी उत्तर प्रदेश को निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित करने की योजना थी. कोई बड़ा उद्यम, कोई बड़ा उद्योग तब तक सफल नहीं होता जब तक एमएसएमई का एक बेहतरीन क्लस्टर उनके पास मौजूद न हो. उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है कि एमएसएमई का एक बहुत बड़ा आधार उत्तर प्रदेश के पास परंपरागत रूप से है. बंदी के कगार पर उद्योग दम तोड़ रहे थे तब 2018 में हमने परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना प्रारंभ की. इस योजना ने परंपरागत उद्योग में जान फूक दी. लाखों लोगों को इसके साथ रोजगार मिला. देखते ही देखते वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की योजना पूरे देश की योजना बन गई.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों और कामगारों को किया सम्मानित.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नाई को जिस काम के लिए गांव में पेड़ के नीचे सिर्फ ₹5 या 10 ही मिलते हैं, लेकिन शहर में इस काम के लिए सैलून में लोग 100 रुपये तक देते हैं. अब यही गांव ने नौजवान सैलून बनाकर सिस्टम के साथ ये काम करें तो पैसे की झड़ी उसके पास लग जाएगी. तब उसे 5 या 10 रुपए नहीं बल्कि ₹100 से नीचे नहीं मिलेगा. कोई भी जाएगा तो उसे ₹100 देगा. उसे श्रम का सम्मान मिलेगा. श्रम को सम्मान से जोड़ने का ही कार्यक्रम है विश्वकर्मा श्रम सम्मान. हमारे पास बहुत अच्छे-अच्छे बढ़ई हैं अच्छा फर्नीचर बना लेते हैं, लेकिन समय के अनुरूप उन्हें टेक्नोलॉजी नहीं मिल पाई. परिणाम क्या हुआ वह वहीं तक सीमित रह गए. उनके हुनर की कीमत लोगों ने नहीं पहचानी. परिणाम क्या रहा वह अपने गांव तक सीमित हो गए. अगर हम उसको डिजाइन दे दें, उन्हें ट्रेनिंग दे दें उसे इस प्रकार की टूल किट उपलब्ध करा दें फिर उन्हें मार्केट के साथ जोड़ दें, उनके लिए शोरूम बनाने में सहयोग करें, क्यों नहीं वह किसी इटली के बड़ी कंपनी को फेल कर देंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों और कामगारों को किया सम्मानित.


मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी पूंजी कभी डूबती नहीं. एमएसएमई के लिए जो अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं उनके लिए सरकार को कोई बहुत ज्यादा हाय तौबा नहीं मचानी होती है. कोई लैंड बैंक नहीं बनाना पड़ता. वहां पर तमाम प्रकार की सुविधा देनी पड़ती है. किसी भी कार्य के लिए व्यक्ति अपने छोटे कार्य के लिए अच्छी व्यवस्था बना सकता है. पूंजी भी कम लगती है. अभी जो व्यक्ति नाई का काम कर रहा है वह सैलून खोल देगा और चार-पांच कुर्सी लगा देगा. एक व्यक्ति अपने साथ कम से कम 5 से 7 नए लोगों को रोजगार दे सकता है. कल तक जो व्यक्ति स्वयं भटक रहा था आज 5 से 7 नए लोगों को ट्रेनिंग देकर और अच्छे ढंग से आगे बढ़ने का काम कर सकता है. मैं यहां पर देख रहा था कि महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं है. वे भी ट्रेनिंग के साथ जुड़ी हैं. उन्हें लगा कि हम भी अच्छा काम कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी के 25 जिलों में डीएम बदलने की तैयारी, जानिए कैसे सीएम योगी ले रहे अफसरों की फीडबैक

CM YOGI का गोसेवकों को उपहार, अब मिलेंगे ₹50 प्रति गोवंश

ABOUT THE AUTHOR

...view details