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यूपी निकाय चुनाव: मतदान कर्मियों का वोटिंग सेंटर पर होगा इलाज - CMO Dr Manoj Agarwal

यूपी निकाय चुनाव (UP Municipal Elections) के दौरान मतदान कर्मियों का वोटिंग सेंटर पर इलाज होगा. इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने दी.

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यूपी निकाय चुनाव UP civic elections UP Municipal Elections मतदान कर्मियों का वोटिंग सेंटर पर इलाज Treatment of polling personnel at voting center CMO Dr Manoj Agarwal लखनऊ मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल

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Published : May 4, 2023, 7:10 AM IST

लखनऊ: यूपी निकाय चुनाव (UP Municipal Elections) में ड्यूटी पर लगाए गए कर्मियों को स्वास्थ्य खराब होने पर अस्पताल नहीं ले जाना पड़ेगा. उन्हें मतदान केन्द्रों पर ही इलाज मिलेगा. लखनऊ मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr. Manoj Agarwal) ने बताया कि नगर निगम के सभी आठ जोन में शहरी क्षेत्र की सीएचसी की एक-एक स्वास्थ्य विभाग टीम लगाई गई है. हर टीम में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक पैरा मेडिकल समेत कुल चार सदस्य होंगे.

इसके अलावा हर जोन में एक-एक एम्बुलेंस लगाई गई है. बूथों पर कोविड हेल्प डेस्क बनाई गई है. किसी भी अनहोने से निपटने के लिए शहर के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. वहीं ग्रामीण इलाकों की 10 नगर पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई हैं. ग्रामीण क्षेत्र के सीएचसी के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी रहेंगे. यहां पर एंबुलेंस से लेकर सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध रहेंगी.

रमाबाई में दो टीमें तैनात रहेंगी: सीएमओ ने बताया कि मतदान खत्म होने के बाद जब पोलिंग पार्टियां वापस रमाबाई स्थल पहुंचेंगी. वहां भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लगाई गई है. पहली टीम शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक रहेगी. जबकि दूसरी टीम रात 11 बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक तैनात रहेगी. यहां भी एंबुलेंस से लेकर कोविड हेल्प डेस्क बनायी गई है.

चार महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के प्रारम्भिक लक्षणों की हुई पुष्टि: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और स्वयंसेवी संस्था प्रोगेसिव फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे एंजिया (NJIA) लीडरशिप कार्यक्रम के सहयोग से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) उजरियावां में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं. यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के कारण होता है. अगर समय से सर्वाइकल कैंसर की पहचान नहीं होती है तो उसका इलाज कठिन हो जाता है.


यूपीएचसी की अधीक्षक डॉ. पद्मजा ने बताया कि स्वास्थ्य शिविर के आयोजन से पहले उन्होंने केंद्र की आशाओं और एएनएम को सर्वाइकल कैंसर के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उन्हें निर्देशित किया कि वह समुदाय की महिलाओं को इस बीमारी के बारें में जागरूक करें और इस शिविर के बारे में भी बताएं.


डा. पद्मजा ने बताया कि 30 से 60 साल की सभी महिलाओं को साल में एक बार इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए. फिर हर तीन साल में दोबारा इसकी जांच करानी चाहिए. सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है. सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हैं दो माहवारियों के बीच में अचानक रक्तस्राव होना, संभोग के दौरान रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्त स्राव. अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो शीघ्र ही चिकित्सक से इलाज कराएं.

सर्वाइकल कैंसर की जांच बहुत आसान होती है और जांच में बहुत ही कम समय लगता है व दर्द भी नहीं होता है. इस शिविर में यूपीएचसी छितवापुर की डॉ. गीतांजलि, यूपीएचसी जुगौली की डॉ. विनीता, लोकबंधु हॉस्पिटल की डॉ. शालिनी एवं अगोई यूपी स्टेट चैप्टर की प्रेसिडेंट डॉ. निशा सिंह ने भी महिलाओं की जांच एवं इलाज करने में सहयोग किया.

इस दौरान कुल 57 महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की गई जिनमें से चार महिलाओं में एचपीवी वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई. एक महिला का थर्मल एब्लेशन द्वारा इलाज सुनिश्चित किया गया और अन्य पॉजिटिव महिलाओं को लोक बंधू हॉस्पिटल एवं किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में आगे के इलाज के लिए रेफर किया गया. इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से डॉ. मयंक चौधरी, प्रोग्रेसिव फाउंडेशन से प्रिंसी प्रजापति, शगुन तिवारी, निष्काम सिंह मौजूद रहे.

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